गुरूवार, नवम्बर 21, 2024

दीपका में भू-अर्जन और विस्थापन पर 20 अक्टूबर को होगा संवाद सम्मेलन, तलाशे जाएंगे समाधान!

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कोरबा (आदिनिवासी)। कोरबा जिले में भू-अर्जन और विस्थापन से जुड़ी गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए 20 अक्टूबर को दीपका में एक महत्वपूर्ण संवाद सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में भूविस्थापित किसानों के संघर्ष और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक मंच प्रदान किया जाएगा। यह आयोजन भूविस्थापित किसानों के लिए न केवल संघर्ष का प्रतीक होगा, बल्कि उनके भविष्य के लिए संभावित समाधान तैयार करने का भी प्रयास है।

इस संवाद सम्मेलन में कोरबा के सांसद, विधायकों, और समाजसेवी संगठनों के साथ-साथ पुनर्वास नीतियों और कानून के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। उनका उद्देश्य भूमि अधिग्रहण से प्रभावित परिवारों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास जैसी मूलभूत सुविधाएँ दिलाने के उपायों पर चर्चा करना है।

सम्मेलन का उद्देश्य और विषय
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि कोरबा जिले, जो कि संविधान की पांचवी अनुसूची में शामिल है, के बावजूद यहाँ के किसानों को भूमि अधिग्रहण के बाद रोजगार, मुआवजा और पुनर्वास जैसी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। केंद्र और राज्य सरकार की पुनर्वास नीतियाँ भी अपेक्षित परिणाम नहीं दे पा रही हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ आदर्श पुनर्वास नीति के अंतर्गत राज्य और जिला पुनर्वास समितियों का गठन तो हुआ है, लेकिन ये समितियाँ किसानों के हितों को ध्यान में रखने के बजाय औद्योगिक हितों को प्राथमिकता दे रही हैं। यह स्थिति विस्थापित किसानों के लिए अत्यंत कठिनाई पैदा कर रही है।

संघर्ष और समाधान की दिशा में प्रयास
संवाद सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य इन समितियों के कार्यों को पारदर्शी और जनहितैषी बनाना है। किसानों की आने वाली पीढ़ियों के लिए रोजगार, मुआवजा और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस योजना तैयार की जाएगी। इसके अलावा, खनन, रेल, बिजली और अन्य परियोजनाओं के बंद होने के बाद उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए भी एक कार्ययोजना बनाई जाएगी, ताकि किसानों को बार-बार सड़कों पर उतरने की मजबूरी न हो।

सम्मेलन में प्रमुख हस्तियाँ और विशेषज्ञों की भागीदारी
यह सम्मेलन 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 11 बजे से 3 बजे तक अशोका लॉज, दीपका में आयोजित होगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन में कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, पाली-तानाखार विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम सहित कई प्रमुख नेता और विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। कानून विशेषज्ञ श्री लक्ष्मी चौहान और हाईकोर्ट के अधिवक्ता भी पुनर्वास नीतियों और औद्योगिक परियोजनाओं से प्रभावित लोगों को कानूनी जानकारी प्रदान करेंगे।

प्रस्ताव और निष्कर्ष
इस सम्मेलन के दौरान प्रभावित गाँवों और क्षेत्रों की समस्याओं को जिला पुनर्वास समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए प्रस्ताव संकलित किए जाएंगे। ये प्रस्ताव प्रभारी मंत्री और कलेक्टर कोरबा के पास समाधान के लिए भेजे जाएंगे, ताकि जल्द से जल्द विस्थापित किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके।

इस प्रकार, यह सम्मेलन एक ऐसा मंच होगा जहाँ न केवल भूविस्थापित किसानों की आवाज़ सुनी जाएगी, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए ठोस और सार्थक कदम उठाए जाएंगे

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