बालको कलस्टर में लेवल-3 की कलस्टर स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का शुभारंभ कराया राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने
कोरबा (आदिनिवासी)। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल हमारी महत्वपूर्ण धरोहर है, हमारी संस्कृति के एक महत्वपूर्ण अंग है, इन्हें सरक्षित करने, सहेजने एवं इन खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य शासन द्वारा प्रदेश के ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक कराने का जो निर्णय लिया गया है, वह राज्य की संस्कृति एवं यहॉं की धरोहरों के संरक्षण के प्रति हमारी सरकार के मजबूत इरादों को प्रदर्शित करता है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने विगत 03-04 वर्षो में इसी तरह के अनेक कदम उठाएं हैं, जिससे राज्य की लोकसंस्कृति, यहॉं की परम्पराएं व धरोहरें सरक्षित व संवर्धित हो रही है।
उक्त बातें राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने बालको में आयोजित कलस्टर स्तरीय छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेलों के शुभारंभ अवसर पर कही। यहॉं ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने एवं इनके प्रति लोगों में जागरूकता लाने हेतु राज्य के नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक आयोजन किया जा रहा है। नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्र में बुधवार से कलस्टर स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं प्रारंभ की गई हैं।
बालकोनगर स्थित डॉ.भीमराव अंबेडकर स्टेडियम में बुधवार को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने बालको कलस्टर की खेल प्रतियोगिताओं का विधिवत शुभारंभ कराया, इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद के द्वारा की गई, वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में सभापति श्यामसुंदर सोनी के साथ ही एम.आई.सी.सदस्यगण, पार्षद व एल्डरमेनगण उपस्थित थे। इस मौके पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया, टॉस किया तथा अपनी उपस्थिति में कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ कराया। उन्होने विभिन्न विधाओं के खिलाड़ियों को बधाई व शुभकामनाएं दी तथा टीम भावना के साथ खेल खेलने को कहा।
कबड्डी टीमों को 11-11 सौ रूपये का पुरस्कार
राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल की उपस्थिति में वार्ड क्र. 32 से वार्ड क्र. 44 तक के खिलाड़ियों के बीच कबड्डी मैच का आयोजन किया गया। राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कबड्डी की दोनों टीमों को 1100-1100 रूपये का नगद पुरस्कार प्रदान किया, आयोजन के दौरान विभिन्न विधाओं की खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित हुई, इन पारंपरिक खेल प्रतियोगिताओं का आनंद उपस्थित अतिथियों एवं आमनागरिकों ने लिया।
इन खेल विधाओं पर आयोजित हो रही प्रतियोगिताएं
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को इन प्रतियोगिताओं में शामिल किया गया है, इन खेल विधाओं की संख्या 14 है, जिन पारंपरिक खेल विधाओं पर प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं, उनमें गिल्ली डंडा, पिट्ठूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कब्बड़ी, खो-खो, रस्सा कसी, बांटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद आदि खेल सम्मिलित हैं।
इस अवसर पर महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति श्यामसुंदर सोनी के साथ ही एम.आई.सी.सदस्य सपना चौहान, पालूराम साहू, कृपाराम साहू, पार्षद गीता बद्रीकिरण, देवीदयाल सोनी, गंगाराम भारद्वाज, संतोष लांझेकर, पूर्व नेताप्रतिपक्ष मुकेश राठौर, पूर्व पार्षद महेश अग्रवाल, एफ.डी.मानिकपुरी, पंचराम आदित्य, शहजाद अहमद खान, रमेश त्रिपाठी, बुद्धेश्वर चौहान, दीपक टण्डन, अजीत बर्मन, मुन्ना खान, गोपाल महंत, रमेश वर्मा, शशिलता पाण्डेय, कोमल जलतारे, गायत्री कर्ष, हेमलता कंवर, पूर्णिमा प्रजापति, नीतू मनहर, श्रीकांत विश्वकर्मा, दुर्गा सिंह आदि के साथ राजीव युवा मितान क्लब के पदाधिकारी व सदस्यगण एवं विभिन्न विधाओं के खिलाड़ी व काफी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।