बिलासपुर (आदिनिवासी)। पिछले तीन-चार दिनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था। जिसमें छत्तीसगढ़ी में बोलते- रोते हुए, अपने साथ भट्ठा मालिक द्वारा मारपीट- प्रताड़ित करने एवं उन्हें जुल्म से बचाने की बात/अपील करते हुए सुना गया।
वीडियो में दिख रहे महिला-बच्चे भाषा व परिवेश से छत्तीसगढ़ी नजर आ रहे थे। वीडियो को हमारी संस्था ‘लोक सिरजनहार यूनियन (LSU)’ के अध्यक्ष लखन सुबोध को कई लोगों ने व्यक्तिगत नंबर से एवं विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा-देखा गया। इस पर LSU ने वीडियो में बताए गए गांव के नाम से उस जगह में पतासाजी किया की लेकिन पता-नाम अधूरा व इस नाम से कई गांव होने से सही-सही पता नहीं लग रहा था।
तब LSU ने पंजाब में अपनी मित्र संस्था ‘लाल झंडा मजदूर यूनियन’ के (पठानकोट व गुरदासपुर जिले) साथियों से संपर्क किया। वहां से जानकारी मिली की यह अमृतसर जिला के व्यास थाना का मामला है। मजदूरों, भट्ठा स्थित गांव के लोगों का नाम नंबर भी मिला और यह पता चला कि, इन मजदूरों को छत्तीसगढ़ के ही एक दलाल जमादार (लेबर कमीशन एजेंट) ने भट्ठा मालिक से पैसा लाकर मजदूरों को एक तरह से बेंच दिया था।
सरकारी कानून अनुसार ‘अन्तराज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1979’ के तहत लाइसेंस (श्रम-मजदूरी नियम शर्तों का तय किया जाना) नहीं लिया गया था, जो प्रवासी मजदूरों के गृह जिला राज्य व कार्यस्थल जिला राज्य में लिया जाना अनिवार्य है।
भट्ठा मालिक मनमाने तरीके से श्रमिकों का शोषण कर रहा था और कमीशन एजेंट पैसा लेकर छत्तीसगढ़ में बैठ गया था। मजदूरों को उनकी कमाई का पैसा नहीं मिल रहा था। भट्ठा मालिक इन पर कर्ज होना बताता था। (उस राशि को जो मजदूरों को नहीं देकर जमादार कमीशन एजेंट को दिया था)।
मरता क्या न करता की तर्ज पर भट्ठा मालिक को मजदूरों ने छत्तीसगढ़ में अपने रिश्तेदारों के माध्यम से साहूकारों से कर्ज लेकर भट्ठा मालिक को पैसा चुकाया।
और भट्ठा मालिक ने मजदूरों द्वारा पहले बनाए गये विडियो से अपने फसने का खतरा जानकर एक *नया वीडियो बनवाया। जिसमें मजदूरों द्वारा दिए गये पैसे को ही (गांव के एक दुकानदार के माध्यम से) भट्ठा मालिक द्वारा मजदूरों को पैसा देने का (भट्ठा मालिक अपने भलमनसाहत दिखाने का) वीडियो सूटिंग किया और मजदूरों को दबाव डालकर कोई कार्यवाही नहीं करने का कागज में दस्तखत करवा लिया।
और गिरते-पड़ते किसी भी तरह से कुछ मजदूर परिवार गत 20अप्रैल को अपने घरों को पहुंचे हैं। इनमें कई लोग टिकट-भाड़ा के अभाव में अभी तक घर नहीं पहुंचे हैं। LSU को यह जानकारी मिलने पर छत्तीसगढ़ पहुंच चुके मजदूरों से संपर्क किया, तब मजदूरों के प्रमुख महिला-पुरुष आज दिनांक 28/04/23 को LSU ऑफिस बिलासपुर आकर अपनी व्यथा सुनाए।
LSU मजदूरों के साथ हुई नाइंसाफी को लेकर छत्तीसगढ़ व पंजाब के उच्चाधिकारियों से संपर्क कर कार्यवाही हेतु आवश्यक कदम उठाएगा।
मजदूरों ने बताया कि पंजाब में भट्ठा क्षेत्र के थाना में एवं अधिकारियों से भी संपर्क किया लेकिन कोई न्याय नहीं मिला। इस मामले में LSU मजदूरों को हर प्रकार से साथ-सहयोग करने का निर्णय लिया है।