रायगढ़ (आदिनिवासी)| सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव के निर्देशन में एनआरएलएम अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत राज्य में सर्वाधिक जिले में 13,387 स्व- सहायता समूह का गठन कर अलग-अलग वर्ग की 1 लाख 44 हजार 240 महिला सदस्यों को स्व-सहायता समूह में जोड़ा गया है। स्व-सहायता समूह द्वारा सक्रीय रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर नियमित बैठक, बचत आपसी लेनदेन, ऋण वापसी, लेखा संधारण, समस्त लाइन डिपार्टमेंट के साथ अभिशरण कर योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है। योजना के तहत जिले भर में कार्यरत समूह सदस्य जो बैंक सखी के रूप में निर्धारित 57 बैंक ब्रांचों में अपनी सेवाएं दे रही है। योजना के संचालन में वित्तीय पोषण की मुख्य भूमिका रहती है। जो माइक्रो क्रेडिट योजना के आधार पर सभी बैंक द्वारा स्व-सहायता समूहों को समय-समय पर दिया जा रहा है।
इस वित्तीय वर्ष अभी तक 1341 स्व-सहायता समूहों को 40 करोड़ 78 लाख 90 हजार रूपये स्व-सहायता समूहों को आजीविका गतिविधियों के लिए अलग-अलग बैंकों से बैंक क्रेडिट लिंकेज कराया गया है। उक्त राशि का उपयोग कर समूह की महिलाएं सक्षम एवं सशक्त हो रही है। जिला प्रशासन द्वारा डीएलसीसी बैठक कर एवं जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में बैंक सखी द्वारा प्रत्येक माह अपने-अपने ब्रांच में बैंक प्रबंधक की अध्यक्षता में एनपीए अर्थात गैर निष्पादित परिसंपत्तिया (नॉन परफार्मिग एसेंट्स) हो चुके या होने वाले खातों का सामुदाय आधारित ऋण वापसी बैठक कर निराकरण कराया जा रहा है। जिससे कि जिले एनपीए का प्रतिशत एक प्रतिशत से भी कम हो गया है। आगामी कुछ दिवस में जिले का एनपीए को समाप्त कर सभी खातों को रेगुलर करने हेतु बैंक सखी के साथ सभी बैंक ब्रांच, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत का बिहान अमला द्वारा कार्य किया जाएगा। इसी क्रम में जिले में जनपद पंचायत तमनार अंतर्गत सभी बैंक ब्रांचों में एनपीए खातों की संख्या मात्र एक ही रह गयी है जो की शून्य के बराबर है।