दूरस्थ स्कूलों में अब शिक्षकों को मिलेगी रहने की सुविधा
कोरबा (आदिनिवासी)| कलेक्टर अजीत वसंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिले में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। खासतौर पर दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने आवास की कमी के चलते आने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए, 20 रेसिडेंशियल हॉस्टल (शिक्षक आवास) स्वीकृत किए गए हैं।
इन हॉस्टलों के निर्माण के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) से 9.12 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (आरईएस) और लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में आवासीय सुविधाएं न होने के कारण शिक्षकों को नियमित रूप से आना-जाना मुश्किल होता था, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती थी। इन रेसिडेंशियल हॉस्टलों के निर्माण के बाद, शिक्षक स्कूल के नजदीक रह सकेंगे और नियमित रूप से अपनी सेवाएं दे पाएंगे। इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी और स्कूलों में शैक्षणिक माहौल को भी मजबूती मिलेगी।
इन क्षेत्रों में बनाए जाएंगे हॉस्टल
कलेक्टर ने पोड़ी-उपरोड़ा, कोरबा, पाली, और करतला ब्लॉकों के दूरस्थ क्षेत्रों में इन हॉस्टलों की स्वीकृति प्रदान की है। हॉस्टल निर्माण के लिए आरईएस को 10 स्थानों पर 41.69 लाख रुपये प्रति हॉस्टल के हिसाब से और पीडब्ल्यूडी को 10 अन्य स्थानों पर 49.60 लाख रुपये प्रति हॉस्टल के हिसाब से राशि आवंटित की गई है।
आरईएस द्वारा बनेंगे हॉस्टल
कोरबा ब्लॉक: श्यांग, अजगरबहार, लेमरू, कुदमुरा
करतला ब्लॉक: बरपाली, करतला, कोरकोमा, रामपुर
कटघोरा ब्लॉक: रंजना, कटघोरा
पीडब्ल्यूडी द्वारा बनेंगे हॉस्टल
पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक: पसान, मोरगा, जटगा, कोरबी
पाली ब्लॉक: जेमरा, तिवरता, उतरदा, चोढ़ा, सिल्ली, सपलवा
पाली महाविद्यालय में बनेगा आधुनिक ऑडिटोरियम, सांस्कृतिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा
पाली के शासकीय नवीन महाविद्यालय में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कलेक्टर अजीत वसंत ने महाविद्यालय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 1.14 करोड़ रुपये की लागत से ऑडिटोरियम निर्माण की स्वीकृति दी है।
यह ऑडिटोरियम महाविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगा। इसके बनने से सांस्कृतिक, शैक्षणिक, और अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों को बेहतर तरीके से आयोजित किया जा सकेगा।
शासन की यह पहल शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए फायदेमंद होगी। शिक्षकों के आवास की समस्या का समाधान होने से वे नियमित रूप से स्कूल में पढ़ा सकेंगे, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद की जा रही है।