कोरबा। कोरबा जिले में मसाहती ग्रामों का सर्वे करने का कार्य तेजी से चल रहा है। इस सर्वे का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के अधिकार, उपयोग और विकास को सुधारने के लिए भू-अभिलेखों को आधुनिक तकनीकों से अपडेट किया जाए। इससे ग्रामवासियों को भूमि संबंधी विवादों से मुक्ति मिलेगी और उन्हें आर्थिक और सामाजिक लाभ हासिल होंगे।
कलेक्टर अजीत वसंत ने राजस्व अधिकारियों और भू-अभिलेख अधीक्षक को इस सर्वे के महत्व और चुनौतियों के बारे में जागरूक करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने आईआईटी रूड़की के विशेषज्ञों की सहायता से राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों को गूगल अर्थ और मोबाइल एप के माध्यम से सर्वे करने का प्रशिक्षण दिलाने का आदेश दिया।
आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अपर कलेक्टर दिनेश कुमार नाग ने सभी राजस्व निरीक्षकों और पटवारियों की बैठक ली। उन्होंने उन्हें सर्वे के लिए उपलब्ध साधनों और विधियों का पूरा लाभ उठाने की सलाह दी। उन्होंने उनसे अपने क्षेत्रों में सर्वे के कार्य को शीघ्र और सत्यापित रूप से पूरा करने का आश्वासन भी लिया।
आईआईटी रूड़की की टीम ने ग्राम सराईपाली में आरआई और पटवारियों को मोबाइल ऐप के माध्यम से सर्वे का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने उन्हें गूगल अर्थ का उपयोग करके भूमि के आकार, सीमा, नाम, नंबर और अन्य विवरणों को निर्धारित करने का तरीका बताया। उन्होंने उन्हें भूमि के फोटो और वीडियो भी लेने का निर्देश दिया। इससे भू-अभिलेखों को डिजिटल रूप में संग्रहित और सुरक्षित किया जा सकता है।
इस सर्वे से कोरबा जिले के मसाहती ग्रामों को बहुत फायदा होगा। इससे ग्रामीण वासियों को भूमि के अधिकार की पुष्टि मिलेगी और उन्हें भूमि संबंधी विवादों से बचने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें भूमि के उपयोग और विकास के लिए आर्थिक और सामाजिक सहायता भी मिलेगी।