गुरूवार, नवम्बर 21, 2024

जंगलों को कॉरपोरेट के हवाले कर रही केंद्र सरकार: सुखरंजन नंदी

Must Read

कोरबा (आदिनिवासी)। केंद्र की भाजपा सरकार ने जंगलों को कार्पोरेट घरानों के हवाले करने के उद्देश्य से ही संसद में वन संरक्षण कानून में संशोधन किया गया है। यह आरोप मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व राज्य समिति सदस्य सुखरंजन नंदी ने आज एक प्रेस बयान जारी कर लगाया।
उन्होंने कहा कि देश में जंगलों को संरक्षित रखने के लिए सन 1980 में वन संरक्षण कानून बनाया गया था। यह कानून अमल में आने के बाद भी देश में विगत 40 वर्षो में 25 लाख हेक्टर जंगलों को उजाड़ दिया गया है। सन 2018 से विगत 4 वर्षो में ही देश के 90 हजार हैक्टर जंगलों का सफाया हो गया है। अब वन संरक्षण कानून में संशोधन के बाद जंगलों का तेजी से सफाया होना लाजमी है और अब कानून बनाकर जंगलों को कार्पोरेट घरानों व निजी पूंजीपतियों को जंगलों को सफाया करने का वैधानिक हक दे दिया गया है।
श्री नंदी ने वन संरक्षण कानून में किए गए संशोधन का जिक्र करते हुए कहा कि इस संशोधन के तहत अब निजी पूंजीपतियों को जंगलों में चिड़िया घर, जंगल सफारी व पर्यटन के विकास के लिए उन्हें संबंधित विभाग से किसी भी प्रकार की कोई अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। जब कि अब तक संबंधित विभाग से अनुमति लेना आवश्यक होता था। यानि अब बेरोक टोक निजी मालिक जंगलों से अपना मुनाफा अर्जित कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि जंगलों का सफाया होने से इसका दुष्प्रभाव आदिवासी समाज व जंगलों में निवासरत अन्य परंपरागत निवासियों के आजीविका पर पड़ने वाला है जो जंगलों से खाद्य संग्रहण व वनोपज संग्रहण कर अपनी आजीविका व जीवन निर्वाह करते है। केंद्र सरकार के इस निर्णय से एकतरफ जहां जंगलों को उजाड़ कर पूंजीपति अपने मुनाफा कमाकर मालामाल होंगे, वहीं दूसरी तरफ जंगलों में निवासरत आदिवासी समाज को अपनी आजीविका कमाना और जिंदगी व्यतीत करना और कठिन हो जायेगा। साथ ही जंगलों के उजड़ जाने से पर्यावरण पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। श्री नंदी ने केंद्र सरकार की इस आदिवासी विरोधी और जन विरोधी कदम के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने का आव्हान किया है।

- Advertisement -
  • nimble technology
Latest News

बलौदाबाजार अग्निकांड: छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष दिलीप मिरी रायपुर से गिरफ्तार

कोरबा (आदिनिवासी)। बलौदाबाजार अग्निकांड, जिसे छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े प्रशासनिक विवादों में गिना जाता है, में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के...

More Articles Like This