बालकोनगर (आदिनिवासी)। कोरबा नगर निगम द्वारा 2019 में शुरू किया गया दैहानपारा बस्ती (वार्ड 42) का नाली निर्माण कार्य पांच साल के बाद भी अधूरा पड़ा है, जिससे क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
नाली का लगभग आधा निर्माण कार्य पूरा होने के बाद बाकी स्थानों पर केवल खुदाई करके छोड़ दिया गया है। इन खुले गड्ढों में गंदा पानी जमा होकर स्थानीय कुओं में रिसाव कर रहा है, जिससे जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
“हमारे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और हमें स्वच्छ पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है,” एक स्थानीय निवासी ने बताया। “हम पांच साल से इस समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।”
स्थानीय लोगों ने इस समस्या के समाधान के लिए तत्कालीन कलेक्टर को आवेदन दिया था और सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम से जानकारी भी मांगी थी। निगम ने जवाब में बताया था कि नाली के अधूरे हिस्से के लिए प्राक्कलन तैयार किया गया है और स्वीकृति मिलने के बाद तुरंत काम पूरा कराया जाएगा।
इस बीच, वार्ड का राजनीतिक नेतृत्व भी बदल चुका है। नाली का निर्माण कार्य तत्कालीन पार्षद श्रीमती इंदिरा कौशिक के कार्यकाल में शुरू हुआ था, जब वार्ड का क्रमांक 37 था। उसके बाद श्री गंगाराम भारद्वाज पार्षद बने, लेकिन उनके कार्यकाल में भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। अब वार्ड का क्रमांक 42 हो गया है और वर्तमान पार्षद श्री सत्येंद्र दुबे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि नेताओं के बदलने के बावजूद उनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं। एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “हमने तीन अलग-अलग पार्षदों के कार्यकाल देखे हैं, लेकिन हमारी स्थिति वही है।”
विशेषज्ञों का मानना है कि खुले नालों और गंदे पानी के जमाव से डेंगू, मलेरिया और दस्त जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्थानीय चिकित्सक डॉ. देवांगन के अनुसार, “इस क्षेत्र में जलजनित बीमारियों के मामलों में वृद्धि देखी गई है, जिसका सीधा संबंध अधूरी नाली और गंदे पानी के जमाव से है।”
अब सवाल यह है कि क्या वर्तमान निगम प्रशासन इस लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान खोज पाएगा? दैहानपारा वार्ड 42 के स्थानीय निवासियों को एक नाली के निर्माण के लिए और कितने साल इंतजार करना पड़ेगा?