दीपका (आदिनिवासी)। 27 जनवरी को छत्तीसगढ़ के दीपका गौरव पथ रोड पर एक दर्दनाक हादसे में कोयला परिवहन करने वाले भारी वाहन की चपेट में एक बालक और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा दिया है। लोग इस मार्ग पर भारी वाहनों के परिचालन पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।
मौत का रास्ता बनता गौरव पथ रोड
यह सड़क, जो कभी स्थानीय आवागमन के लिए बनी थी, अब भारी वाहनों के लिए खतरे का पर्याय बन गई है। कोयला परिवहन के लिए उपयोग होने वाले इन वाहनों की तेज रफ्तार, अनियमित संचालन और ओवरलोडिंग ने इसे दुर्घटनाओं का केंद्र बना दिया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह मार्ग अब उनके लिए सुरक्षित नहीं रहा।
स्थानीय निवासियों की मुख्य मांगें
1. भारी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध:
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मार्ग आम जनता के लिए है और कोयला परिवहन करने वाले भारी वाहनों को यहां से पूरी तरह हटाया जाए।
2. सुरक्षा उपायों का अभाव:
स्थानीय लोग सड़क पर स्पीड ब्रेकर, संकेतक और अन्य सुरक्षा उपायों की कमी की ओर भी प्रशासन का ध्यान दिला रहे हैं।
भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग:
प्रशासन को कोयला परिवहन के लिए किसी अन्य मार्ग का प्रबंध करना चाहिए ताकि आम जनता को सुरक्षित आवागमन का अधिकार मिल सके।
सड़क सुरक्षा उपाय:
तेज गति रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक संकेतक लगाए जाएं।
पुलिस और प्रशासन की सख्ती:
वाहनों की निगरानी बढ़ाई जाए और नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
लगातार हो रही दुर्घटनाओं और प्रशासनिक उदासीनता से नाराज स्थानीय निवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि उनकी जान की कीमत पर कोयला परिवहन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
यह प्रशासन की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है कि वह इस समस्या का तुरंत समाधान निकाले। भारी वाहनों के संचालन पर रोक लगाकर वैकल्पिक मार्ग तैयार करना और सड़क सुरक्षा के उपाय लागू करना अनिवार्य है।
दीपका गौरव पथ रोड पर बढ़ती दुर्घटनाएं प्रशासन के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह सड़क स्थानीय निवासियों के लिए और अधिक खतरनाक बन जाएगी। अब समय है कि प्रशासन जागे और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित जीवन का भरोसा दिलाए।