निर्धारित समय से एक दिन पहले गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभी की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही दिन के लिए शुरू हुई वैसे ही अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्र की कार्यवाही का सारांश देते हुए समापन सन्दर्भ दिया. बाद में उन्होंने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में हंगामा होने लगा. इस बीच सभापति एम वेंकैया नायडू सत्र के दौरान सदन में किए गए कामकाज को समापन टिप्पणी को नहीं पढ़ सके, क्योंकि शिवसेना और अन्य विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया. शिवसेना सांसदों ने बीजेपी के किरीट सोमैया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी का मुद्दा उठाने की मांग की, जिसमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को बचाने के लिए लोगों से एकत्र किए गए 100 करोड़ रुपए का कथित रूप से गबन किया गया था, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि पूरे सत्र के दौरान मूल्य वृद्धि पर कोई चर्चा नहीं हुई. कांग्रेस सदस्यों ने शिवसेना का समर्थन करते हुए कहा कि यदि मूल्य वृद्धि के मुद्दे को बहस के लिए अनुमति नहीं दी जाती है, तो कम से कम इस कथित “घोटाले” पर चर्चा की जानी चाहिए. नायडू ने कहा कि उन्होंने मामले को उठाने की अनुमति दी है और सांसदों से कहा कि वे कार्यवाही में बाधा न डालें. विपक्षी सांसदों के अविश्वास के साथ, उन्होंने कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया. संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ और केंद्रीय बजट पेश होने के बाद पहला चरण 11 फरवरी को समाप्त हुआ था. इसके बाद संसद के दोनों सदन बजट पत्रों की जांच के लिए अवकाश पर गए. बजट सत्र का दूसरा चरण 14 मार्च को शुरू हुआ. मूल कार्यक्रम के अनुसार सत्र का समापन 8 अप्रैल को होना था. बजट प्रक्रिया के अलावा, सत्र के दौरान पारित प्रमुख विधेयकों में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक और आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक शामिल हैं. विधेयक के अनुसार, दिल्ली के एकीकृत नगर निगम में सीट की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी.