सुनने में कितना अजीब लगता है न कि गर्मी में सर्दी हो गई, लेकिन यह ऐसी समस्या है जिससे गर्मी में आपके-हमारे परिवार का हर सदस्य जूझता है। गले में दर्द, लगातार आने वाली छींक, खांसी और उसके साथ बुखार।
“गर्मी का बुखार है।”
“वायरल हो गया है।”
हम यह दो बातें कहकर डॉक्टर के पास जाते हैं और दवाइयां लेनी शुरू कर देते हैं। कभी सोचा है कि गर्मी में सर्दी-जुकाम होने का कारण वायरस होता है। दरअसल जैसे-जैसे मौसम गर्म होता है, कुछ ऐसे वायरस एक्टिव हो जाते हैं जो हमें बीमार करते हैं।
अब सवाल
कौन-सा वायरस आखिर होता है एक्टिव?
न्यूयॉर्क के रोचेस्टर जनरल हॉस्पिटल रिसर्च इंस्टिट्यूट में गर्मी में एक्टिव होने वाले वायरस पर रिसर्च की गई। संक्रामक बीमारियों के रिसर्चर डॉ माइकल पिचिचेरो ने बताया की गर्मी में एंटेरोवायरस (enterovirus) की वजह से सर्दी-जुकाम की परेशानी होती है।
इसके इंफेक्शन से कोई भी इंसान गंभीर रूप से बीमार नहीं हो सकता है। एंटेरोवायरस का इंफेक्शन ज्यादातर बच्चों में देखा जाता है।
एंटेरोवायरस से कौन-कौन सी परेशानी हो सकती है?
- सर्दी-जुकाम हो सकता है।
- नाक,कान और गले में मौजूद टिशू को यह प्रभावित कर सकता है।
वायरस की बात तो समझ में आ गई, लेकिन एक समस्या अब तक वही रही। वह यह कि-
ऐसी स्थिति में एंटीबायोटिक लेना सही है या नहीं?
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आयुष पांडे कहते हैं- लोग अक्सर सर्दी-जुकाम होने पर एंटीबायोटिक ले लेते हैं। इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना भी सही नहीं समझते। उन्हें लगता है कि सेहत में सुधार हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। आपको दो बातें समझनी होंगी।
- गर्मियों में सर्दी-जुकाम की परेशानी ज्यादातर वायरस की वजह से होती है। बैक्टीरिया की वजह से नहीं।
- एंटीबायोटिक दवाइयां सिर्फ बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों को खत्म करती हैं, वायरस से होने वाली बीमारियों को नहीं।