सरकारी समर्थन और बेहतर मूल्य ने खेती को फिर बनाया युवाओं की पसंद।
कोरबा (आदिनिवासी)| बदलते वक्त और सरकारी योजनाओं ने युवा किसानों को खेती-किसानी की ओर प्रेरित किया है। लेमरू-देवपहरी क्षेत्र के किसान राजेंद्र जैसे युवा, जिन्होंने पहले खेती को मेहनत के बावजूद घाटे का सौदा माना, अब सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर इस क्षेत्र में कदम बढ़ा रहे हैं।
सरकारी योजनाओं से किसान हुए उत्साहित
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने किसानों के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं
3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद।
प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी।
कृषि उपकरण, खाद-बीज, और ऋण में छूट।
इन प्रयासों से न केवल बुजुर्ग किसान, बल्कि युवा भी खेती-किसानी से जुड़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं।
युवा किसान की कहानी
ग्राम ढींडासरई के 27 वर्षीय किसान राजेंद्र, अपने पिता जग सिंह को खेतों में संघर्ष करते देखते हुए बड़े हुए। उन्होंने देखा कि खेती में मेहनत तो बहुत है, पर फसल का सही मूल्य नहीं मिलने से यह घाटे का सौदा बन जाता था। लेकिन अब, सरकारी योजनाओं से प्रेरित होकर, राजेंद्र ने अपनी पत्नी के नाम पर इस बार धान बेचने का पंजीयन कराया है।
राजेंद्र ने बताया, “खेती-किसानी में चुनौतियां हैं, लेकिन जब सरकार सही समर्थन देती है, तो इससे युवाओं का हौसला बढ़ता है। 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर और अन्य सुविधाओं ने हमें खेती से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।”
बुजुर्ग किसानों की मेहनत को मिला सम्मान
किसान जग सिंह राठिया, जो चार एकड़ में खेती करते हैं, का कहना है कि पहले फसल की लागत निकालना भी मुश्किल था। अब, बढ़े हुए समर्थन मूल्य और योजनाओं से उनकी आय में सुधार हुआ है। उनका मानना है कि यदि यही सिलसिला जारी रहा, तो युवाओं का खेती की ओर रुझान और बढ़ेगा।
कोरबा जिले में किसानों का रुझान बढ़ा
जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए 55,000 से अधिक किसानों ने धान विक्रय के लिए पंजीयन कराया है, जिसमें 2,761 नए किसान शामिल हैं। यह दर्शाता है कि सरकार की नीतियों से किसानों में विश्वास और उत्साह बढ़ा है।
सरकारी योजनाओं और समर्थन से प्रेरित होकर किसान न केवल अपने परिवारों का भविष्य संवारने की उम्मीद कर रहे हैं, बल्कि बेहतर उत्पादन और बाजार में अच्छे दामों की उम्मीद में पूरी लगन से खेती-किसानी में जुटे हैं।