रविवार, सितम्बर 8, 2024

बुखार और पीलिया से दो किशोरियों की मौत

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स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित क्षेत्र में लगाया शिविर, स्थिति नियंत्रण में

कोरबा (आदिनिवासी)। कोरबा जिले के ग्राम गुरमा की कु. विमला और डूमरडीह बलीपुर कोरवा बसाहट निवासी कुमारी मंगला की बुखार और पीलिया की वजह से मृत्यु हो गई है। इस संबंध में दिनांक 17 जुलाई 2024 को खण्ड चिकित्सा अधिकारी कोरबा एवं पीएचसी श्यांग की टीम ने प्रभावित मरीजों और आसपास के ग्रामों का निरीक्षण किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केशरी ने बताया कि बुखार और पीलिया से दोनों लड़कियों की मौत होने की संभावना है।

मामले का विवरण

– विमला (15 वर्ष): विमला, पिता श्री हिरा सिंह, जो मंझवार जाति की थी, दिनांक 15 जुलाई 2024 को दोपहर लगभग 12:30 बजे बुखार की वजह से मूल ग्राम गुरमा, श्यांग कोरबा आई। उसने मितानिन या स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सूचित नहीं किया। शाम 03:00 से 04:00 बजे के लगभग उसे 108 एम्बुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, जीएमसी कोरबा ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई। शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण Acute Liver Failure with severe jaundice बताया गया है।

– मंगला (12 वर्ष) : मंगला, पिता श्री रूसु राम, निवासी डूमरडीह बलीपुर कोरवा बसाहट, पंचायत लबेद, कोरबा, दिनांक 13 जुलाई 2024 को शाम 06:00 बजे बुखार की वजह से पहाड़ के ऊपर से बलीपुर पहुंची। उसने प्राईवेट इलाज करवाते हुए मितानिन कौशिल्या को सूचित किया। मितानिन ने 14 जुलाई को मलेरिया की जांच की। 16 जुलाई को शाम 03:00 से 04:00 बजे के लगभग उसे बेहोश पाया गया और 108 एम्बुलेंस के माध्यम से मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, जीएमसी कोरबा ले जाया गया। शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण भी Acute Liver Failure with severe jaundice बताया गया है।

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में प्रभावित क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखी जा रही है और स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। 17 जुलाई 2024 को बलीपुर के स्वास्थ्य शिविर में कुल 30 मरीजों की जांच की गई, जिसमें 01 दस्त और 02 मलेरिया के मरीज मिले। ग्राम धौंराबारी में 43 मरीजों की जांच की गई, जिसमें सामान्य सर्दी और खांसी के 12 मरीज मिले, लेकिन दस्त और मलेरिया के मरीज नहीं मिले।

सीएमएचओ ने जिले के समस्त मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सतत् दौरा करते रहें और बुखार, दस्त, पीलिया के मरीज मिलने पर प्राथमिक उपचार के बाद सेक्टर चिकित्सक, बीएमओ और जिला कार्यालय को सूचित करें। जिले में मलेरिया जांच और उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में ओआरएस और जिंक की दवाएं उपलब्ध हैं।


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