आदिवासी किसानों की जमीन पर गैर-आदिवासियों का दावा: राजस्व अधिकारियों की अदालत में अनुपस्थिति चिंता का विषय
आंध्र प्रदेश (आदिनिवासी)। आनाकापल्ली जिले के चिदीकाडा मंडल में कोनाम गांव की सरकारी जमीन पर कोंडाडोरा जनजाति के लोग पीढ़ियों से खेती कर रहे हैं। लेकिन उन्हें पट्टे नहीं दिए गए, जबकि गैर-आदिवासियों को डी-फॉर्म पट्टे मिल गए हैं।
सरकारी रिकॉर्ड में जमीन 17 एकड़ 78 सेंट है, लेकिन गैर-आदिवासियों को 32 एकड़ 51 सेंट के पट्टे दिए गए हैं। आदिवासी लंबे समय से जांच और पट्टे की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय राजस्व अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
पिछले साल, गैर-आदिवासियों ने 19 आदिवासियों और राजस्व अधिकारियों के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया। राजस्व अधिकारियों की लगातार अनुपस्थिति के कारण, अदालत ने एकतरफा फैसला सुना दिया, जो गैर-आदिवासियों के पक्ष में जा सकता है।
आदिवासियों ने तहसीलदार से तत्काल ध्यान देने की मांग की है। वे अधिकारियों से सरकारी संपत्ति की रक्षा करने का आग्रह कर रहे हैं।
अखिल भारतीय कृषि और ग्रामीण मजदूर संघ के राष्ट्रीय सचिव पी.एस. अजय कुमार ने इस मामले में जिला कलेक्टर के हस्तक्षेप की मांग की है। एक 80 वर्षीय कोंडा डोरा आदिवासी बुजुर्ग ने भी जिला कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है।
अजय कुमार ने सरकार से त्वरित कार्रवाई और कानूनी उपाय की उम्मीद जताई है।