बुधवार, अक्टूबर 30, 2024

सक्ति में स्कूल वैन का हादसा: ग्रामीणों की बहादुरी ने बचाई मासूम जिंदगियां!

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15 बच्चे नदी में गिरी वैन से निकाले गए, हादसे के बाद ड्राइवर फरार

सक्ती (आदिनिवासी)| सक्ती जिले के हसौद में बुधवार की सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया, जब एक स्कूल वैन अनियंत्रित होकर सोन नदी में गिर गई। उस समय वैन में करीब 15 मासूम बच्चे सवार थे। जैसे ही यह घटना हुई, इलाके में हाहाकार मच गया। लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता और तत्परता ने इन बच्चों की जिंदगी बचा ली।

हादसे की जानकारी

हसौद के हैप्पी पब्लिक स्कूल की वैन रोजाना की तरह बच्चों को स्कूल ले जा रही थी। जब वैन सोन नदी के पास पहुँची, तब वैन बेकाबू होकर सीधे नदी में जा गिरी। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर नदी के पास नहा रहे ग्रामीण तुरंत हरकत में आए। उन्होंने बिना समय गंवाए नदी में कूदकर सभी बच्चों को वैन से सुरक्षित बाहर निकाला। बच्चों को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया, जहाँ उनकी हालत अब स्थिर है।

ग्रामीणों की वीरता

गांववालों का कहना है कि हादसे के समय वैन में फंसे बच्चों को बाहर निकालने का एक ही मकसद था—हर बच्चे को सही-सलामत बाहर लाना। ग्रामीणों ने अपनी जान की परवाह किए बिना बच्चों को नदी से बाहर निकाला, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई। घटना के बाद वैन का चालक मौके से फरार हो गया, जबकि पुलिस को तुरंत सूचित किया गया।

प्रशासन की लापरवाही

यह घटना एक बार फिर स्कूल वाहनों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। हर साल स्कूलों के खुलने से पहले परिवहन और यातायात विभाग द्वारा निजी स्कूल वाहनों की जांच की जाती है, लेकिन इस बार भी सभी वाहनों की सही तरीके से जांच नहीं होने के कारण यह हादसा हुआ। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वैन सोन नदी में कैसे गिरी, लेकिन पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

स्कूल प्रशासन और यातायात विभाग की जिम्मेदारी

स्कूल प्रबंधन को चाहिए कि वे अपने वाहनों के लिए प्रशिक्षित और अनुभवी ड्राइवरों की नियुक्ति करें। कई बार देखा जाता है कि स्कूल वैन चलाने वाले ड्राइवर अधिक चक्कर लगाने के चक्कर में तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा साबित होता है। यातायात विभाग को भी ऐसे लापरवाह ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे बच्चों की सुरक्षा के लिए जो उपाय होने चाहिए, वे कितने कारगर हैं। ग्रामीणों की सतर्कता ने इस बार 15 मासूम जिंदगियों को बचा लिया, लेकिन हमें इस घटना से सबक लेते हुए स्कूल परिवहन की सुरक्षा में सुधार करने की सख्त जरूरत है।

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