शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024

आंगनबाड़ी केंद्रों में बंटने वाला रेडी-टू-ईट फूड को अन्यत्र बेचा जा रहा: एफआईआर दर्ज कर की जा रही कार्रवाई

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ग्रामीण अंचल के कुदमुरा सेक्टर में बच्चों को नहीं मिला दलिये का पोषण आहार

कोरबा (आदिनिवासी)। हितग्राही बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में बांटे जाने वाले दलिए का आहार रेडी-टू-ईट फूड की खरीदी-बिक्री करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफ.आई.आर दर्ज करके जांच आरंभ कर दिया गया है। रामपुर पुलिस की गिरफ्त में आए 05 लोगों में एक महिला भी शामिल हैं जिन्होंने बच्चों का आहार दलिये की बोरियों को खरीदा था।

जिले के शहरी क्षेत्र में यह मामला 05 अक्टूबर को प्रकाश में आया। जांच में खुलासा हुआ है कि ग्रामीण अंचल के आंगनबाड़ी केंद्रों में बंटने वाला रेडी-टू-ईट फूड कुदमुरा सेक्टर में पहुंचाने के बजाय खरमोरा कोरबा के गोकुल नगर में बेच दिया गया। 05 अक्टूबर को रामपुर चौकी प्रभारी एसआई कृष्णा साहू के नेतृत्व में पुलिस ने दबिश देकर इसे पकड़ा और 26 बोरियां रखे हुए कमरे को सील कर दिया। मौके पर मिले पिकअप नंबर CG-12-BE-3674 में लदा 132 बोरी रेडी टू ईट आहार को जब्त करके पुलिस अभिरक्षा में चौकी लाया गया। प्रकरण में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग एमडी नायक से जांच प्रतिवेदन मांगा गया। डीपीओ श्री नायक के जांच प्रतिवेदन के आधार पर परिवहनकर्ता लालाराम राठिया, गोविंद साव, आकाश झारिया, द्वारिका प्रसाद तथा दलिया खरीदने वाली सरस्वती देवी के विरुद्ध अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम 3,7 तथा 34 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर लिया गया है।

जांच के दौरान कुदमुरा सेक्टर की सुपरवाईजर श्रीमती हरा राठौर ने बताया कि कुदमुरा सेक्टर में सितंबर 2022 के लिए 2625 पैकेट (लगभग 170 बोरी) दलिया की मांग थी, किन्तु 12 अक्टूबर तक प्रदाय नहीं किया गया। पुलिस द्वारा जप्त दलिया कुल 170 बोरी है, जिसे कुदमुरा सेक्टर के लिए वितरण हेतु बचे 170 बोरी रेडी-टू – ईट फूड को जिल्गा के गोदाम से 05 अक्टूबर को पिकअप में लोड किया लेकिन कुदमुरा सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्रों में न पहुंचाकर लालाराम राठिया व गोविंद साव के द्वारा गोकुल नगर के खटाल में सरस्वती देवी के घर 26 बोरी (18 किलो प्रति बोरी कुल 468 किलो) को बेच दिया गया।

सरस्वती देवी ने बताया कि 250 रुपए प्रति बोरी की दर से 26 बोरी दलिया उसने खरीदा था। यही नहीं लेमरू सेक्टर की पर्यवेक्षक श्रीमती कौशल्या प्रधान ने बताया कि सितंबर माह के लिए उनके सेक्टर में 2467 पैकेट कम आबंटित किया गया था।

इस जानकारी से स्पष्ट होता है कि जिले के ग्रामीण, वनांचल और सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में कुपोषण से जंग लड़ने के लिए प्रदाय किए जाने वाले रेडी-टू-ईट (ready-to-eat) आहार का वितरण किस तरह से हो रहा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। स्थानीय परियोजना अधिकारी, सेक्टर सुपरवाइजर इस बात से अनजान हों, यह बिल्कुल संभव नहीं है। इस विभागीय मिलीभगत की बहुत ही गंभीरता के साथ सघन जांच होनी चाहिए।

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