मुख्यमंत्री के फैसले से किसानों को मिला उचित मूल्य, आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद
कोरबा (आदिनिवासी)। लेमरू क्षेत्र के किसान लुकेश्वर राठिया और उनकी पत्नी दिलेश्वरी बाई के लिए यह साल विशेष खुशी लेकर आया है। कुछ महीने पहले तक इनके चेहरे पर चिंता की गहरी लकीरें थीं, क्योंकि इनके द्वारा बोई गई फसल पूरी तरह से मानसून की कृपा पर निर्भर थी। पहाड़ी क्षेत्र में खेती करना आसान नहीं है, जहां सिंचाई का साधन उपलब्ध नहीं होता और बारिश की अनिश्चितता फसल के भविष्य को खतरे में डाल देती है। इस साल बारिश ने साथ दिया और मेहनत रंग लाई, जिससे इनकी धान की फसल अच्छे से पक कर तैयार हो गई है। इस समय यह जोड़ी अपनी फसल काटने और उसे खलिहान तक पहुंचाने में जुटी हुई है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर ₹3100 प्रति क्विंटल कर दिया है। यह निर्णय किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम है और उनकी आय को बढ़ाने में सहायक होगा। प्रति एकड़ 21 क्विंटल की दर से धान की खरीदारी की जा रही है, जिससे किसानों को अच्छा मूल्य मिलने की गारंटी है। किसान लुकेश्वर बताते हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार का यह निर्णय हम सभी के लिए तभी फायदेमंद है जब फसल सही समय पर उपजाई जाए और उसे समय पर बेचने के लिए खरीदी केंद्रों तक पहुंचाया जा सके। इससे क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर संतोष और खुशी की झलक है।
कृषक दम्पति लुकेश्वर राठिया और दिलेश्वरी बाई ने इस साल तीन एकड़ भूमि में धान बोया। जून-जुलाई के महीनों में कठिन मेहनत के बाद बीज बोए और हर दिन फसल के बढ़ने की उम्मीदें लेकर समय बिताया। फसल के विकास के दौरान यह डर हमेशा बना रहा कि कहीं बारिश की कमी या असमय बरसात से फसल नष्ट न हो जाए। दिलेश्वरी बाई कहती हैं, “हमने बीज बोए थे, पौधों को बढ़ते हुए देखना और फिर पककर तैयार होते देखना एक सपने के सच होने जैसा था। कई बार बारिश की कमी से फसल खेत में ही खराब हो जाती थी, लेकिन इस बार मौसम का साथ मिला और हमारी मेहनत का फल हमें मिल रहा है।”
कोरबा जिले में इस बार कुल 65 धान उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं ताकि किसानों को उनकी उपज बेचने में कोई दिक्कत न हो। जिला प्रशासन ने धान खरीदी केंद्रों पर सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, 14 नवम्बर से जिले के सभी केंद्रों पर धान की खरीद प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, जिससे समय पर फसल का विक्रय संभव हो सकेगा। लुकेश्वर और उनकी पत्नी ने खरीदी केंद्र में अपने धान बेचने के लिए पंजीकरण करवा लिया है और जल्द ही अपनी फसल बेचने की योजना बना रहे हैं।
लुकेश्वर राठिया बताते हैं कि फसल कटाई का काम अंतिम चरण में है और उन्हें इस बार अच्छी आमदनी की उम्मीद है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के बाद उनकी योजना घर के लिए जरूरी सामान खरीदने की है। इस वर्ष की अच्छी फसल ने उनके कई सपनों को साकार किया है, और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य ने उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद की है।