कोरबा (आदिनिवासी)। कोरबा के कलेक्टर अजीत वसंत ने जिले के सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि सर्पदंश के मामलों में तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में निःशुल्क उपचार प्राप्त करें, जिससे सर्पदंश से होने वाली असामयिक मृत्यु को रोका जा सके। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि सर्पदंश की स्थिति में आर.एच.ओ. या मितानिन से संपर्क कर पीड़ित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए।
मॉनसून में बढ़ता खतरा
कोरबा का वनांचल क्षेत्र होने के कारण, बरसात के मौसम में नमी और उमस बढ़ जाती है, जिससे जहरीले कीट और सांप सुरक्षित स्थान की तलाश में बाहर आ जाते हैं। इस समय सर्पदंश का खतरा काफी बढ़ जाता है। अक्सर, ग्रामीण क्षेत्र में अज्ञानता के कारण लोग बैगा गुनिया से झाड़-फूंक कराते हैं, जिससे उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है।
सर्पदंश का सही इलाज
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एन. केशरी ने स्पष्ट किया कि सर्पदंश का एकमात्र इलाज अस्पताल में उपलब्ध एंटीवेनम से ही संभव है। झाड़-फूंक से सर्पदंश का उपचार नहीं हो सकता। अंधविश्वास में पड़कर झाड़-फूंक का सहारा लेने से समय बर्बाद होता है और पीड़ित की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में सर्पदंश के प्रकरणों के लिए पर्याप्त मात्रा में एंटीवेनम उपलब्ध है।
सर्पदंश से बचाव के उपाय
सर्पदंश से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
1. रात में बाहर जाते समय टॉर्च और जूते का उपयोग करें।
2. घरों में समुचित प्रकाश की व्यवस्था बनाए रखें और कचरे का ढेर न लगाएं।
3. शयन कक्ष में भोजन सामग्री न रखें ताकि चूहों का आना कम हो।
4. सर्पदंश की स्थिति में घबराएं नहीं, इससे विष तेजी से फैल सकता है।
5. सर्पदंश वाली जगह के ऊपर कपड़ा या रस्सी न बांधें, इससे विष का असर बढ़ सकता है।
6. सर्पदंश से ग्रसित अंग को न काटें, न जलाएं, न हिलाएं-डुलाएं।
7. पीड़ित को त्वरित नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जिला चिकित्सालय पहुंचाएं और चिकित्सक की सलाह अनुसार उपचार कराएं।
8. अनाधिकृत चिकित्सक या झाड़-फूंक से बचें।
सर्पदंश की घटनाओं में कमी लाने और जनसामान्य में जागरूकता लाने हेतु स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक स्वास्थ्य शिक्षा देने का अभियान चलाया है। सभी नागरिकों से आग्रह है कि वे सर्पदंश के प्रति सजग रहें और समय पर उचित उपचार प्राप्त करें।
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