कोरबा/बालको नगर (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ के बालको नगर के लिए गौरव का क्षण तब आया जब नन्हे तबला वादक फणींद्र दुबे को प्रतिष्ठित ‘छत्तीसगढ़ रत्न’ सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें न्यूज़ हब इनसाइड केयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में 19 अक्टूबर 2024 को प्रदान किया गया। फणींद्र दुबे ने अपनी विलक्षण प्रतिभा और उपलब्धियों से न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश का नाम रोशन किया है।
यह सम्मान बिलासपुर के लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया। फणींद्र की इस उपलब्धि से बालको नगर और द्विज समाज में उत्साह और गर्व की लहर दौड़ गई है।
फणींद्र दुबे, जो अभी स्कूल के छात्र हैं, ने कम उम्र में ही तबला वादन के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कई राष्ट्रीय स्तर के संगीत समारोहों में अपनी कला का प्रदर्शन कर सात बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उनकी प्रतिभा और समर्पण को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी पहचान बनाएंगे और छत्तीसगढ़ का नाम गर्व से ऊंचा करेंगे।
फणींद्र, लोचन दुबे और शारदा देवी दुबे के सुपुत्र हैं और वर्तमान में एम जी एम विद्यालय, बालको में पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी इस शानदार उपलब्धि से विद्यालय परिवार में भी खुशी की लहर है। स्कूल के शिक्षकों और छात्रों के बीच उनके प्रति गर्व का भाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
फणींद्र का समर्पण और उनकी मेहनत यह साबित करती है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और यदि व्यक्ति में लगन और उत्साह हो, तो वह किसी भी ऊंचाई को छू सकता है। इस नन्हें कलाकार ने न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे बालको नगर का मान बढ़ाया है। उम्मीद है कि वह भविष्य में भी इसी तरह अपनी कला से सबका दिल जीतते रहेंगे और नई ऊंचाइयों को छूते रहेंगे।
फणींद्र दुबे जैसे बाल कलाकारों की सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह समाज और देश के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है। उनके जैसे युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और उनकी कड़ी मेहनत को पहचानना हमारे समाज की जिम्मेदारी है। भविष्य में फणींद्र के उज्जवल भविष्य की कामना के साथ, हम सभी को उन पर गर्व है।