रायगढ़। प्रबंध संचालक ए.बी.आसना बीज प्रमाणीकरण संस्था छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के मुख्य आतिथ्य में कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र रायगढ़ में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं कृषि उपकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना एवं अखिल भारतीय समन्वित मूँगफली अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत टीएसपी और एससीएसपी के अंदर 60 किसानों को कृषि उपकरण हैंड आपरेटर स्प्रेयर, कीटनाशक एवं फफूंद नाशक का वितरण किया गया। जिसके फलस्वरूप इस परियोजना के अंदर रायगढ़ जिले के अलग क्षेत्रों के 60 किसान लाभान्वित हुए।
प्रबंध संचालक ने किसानों को जैविक खेती के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि फसल परिवर्तन करके किसान कम लागत में अच्छा उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में तिलहन फसलों के उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है जिससे की किसान आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी निभा सकते हैं।
कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए डॉ.एस.एल.सांवरगाँवकर ने किसानों को अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना एवं अखिल भारतीय समन्वित मूँगफली अनुसंधान परियोजना के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी साझा किया। स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.ए.के. सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए किसानों को खेती के विभिन्न बारीकियों के बारे में बताया। विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ.बी.एस.राजपूत ने किसानों को कृषि उत्पादों का किस प्रकार सुचारु ढंग से मार्केटिंग करके ज़्यादा से ज़्यादा लाभ कमाने के बारे में अपने विचार साझा किए।
प्रबंध संचालक एवं किसानों द्वारा धनिया की किस्म के नाभिकीय से प्रजनक बीज उत्पादन के फार्म का भ्रमण किया गया एवं साथ ही साथ क्षेत्र में लगे अन्य फसलों जैसे कि अजवाइन, मूँगफली का भी अवलोकन किया गया। प्रबंध संचालक द्वारा नाभिकीय बीज उत्पादन फसल छत्तीसगढ़ कलौंजी कि़स्म, छत्तीसगढ़ करैत.1, अजवाइन की किस्म छत्तीसगढ़ अजवाइन-1, इसी के साथ साथ मूंगफली की नवीन पहचान की गई जिसमें छत्तीसगढ़ ट्रॉम्बे मूंगफली का बीज उत्पादन का निरीक्षण किया गया। उन्होंने बीज उत्पादन कार्यक्रम की सराहना की एवं अपने सुझाव रखें। कार्यक्रम में जुड़े वैज्ञानिकों एवं सहायकों को बीज उत्पादन कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार गौतम एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री संदीप पैंकरा द्वारा किया गया। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय के स्टॉफ उपस्थित रहे।
जैविक खेती: कम लागत, ज़्यादा मुनाफा; प्रशिक्षण में किसानों को मिली जैविक खेती की जानकारी
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