रविवार, दिसम्बर 8, 2024

रोजगार की मांग पर भू विस्थापित किसानों का धरना 363 वें दिन भी जारी

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भू विस्थापितों की समस्याओं को लेकर कोल इंडिया और राज्य स्थापना दिवस 01 नवंबर को काला दिवस के रूप में मनाएगी किसान सभा

कोरबा (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर 363 दिन से चल रहे धरना स्थल में बैठक कर देश हित के नाम पर भू विस्थापित किसानों से आजीविका के साधन जमीन का अधिग्रहण करने के बाद भू विस्थापितों के जीवन को अंधकार बनाने वाले नीतियों एवं एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा भू विस्थापितों की समस्याओं का गंभीरता से निराकरण नहीं करने के विरोध में 1 नवंबर को कोल इंडिया और राज्य की स्थापना दिवस के दिन जब एसईसीएल और जिला प्रशासन द्वारा उत्सव बनाया जाएगा तब भू विस्थापितों द्वारा एसईसीएल और जिला प्रशासन के कार्यालयों के बाहर काला दिवस मनाने का आह्वान किया गया है।

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर ने कहा कि एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है और भू विस्थापितों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है लेकिन भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि पूरे देश मे आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को सपने दिखा कर करोड़ो लोगों को विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए भू विस्थापित परिवार आज भी भटक रहे हैं। और जब अपने अधिकार की बात भू विस्थापित करते हैं तो एसईसीएल प्रबंधन जिला प्रशासन के साथ मिलकर भू विस्थापित किसानों को दमन का सहारा लेकर जेलभेज कर डराना चाहती है लेकिन दमन के आगे संघर्ष तेज करने के संकल्प के साथ आंदोलन 363 दिनों से जारी है।

भू विस्थापित जय कौशिक और रघु यादव ने कहा कि जमीन का अधिग्रहण जिस समय किया गया उस समय जो पॉलिसी थी उस पॉलिसी के तहत ही किसान जमीन के बदले रोजगार की मांग कर रहे हैं सरकार को विस्थापितों को ऐसा जीवन प्रदान करना चाहिए जिससे उनको लगे की उन्होंने अपनी जमीन नहीं खोया है लेकिन एसईसीएल और सरकार ने गरीबों की जमीन लेकर गरीबों को जमीन पर लाकर खड़ा कर दिया है। किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा एसईसीएल प्रबंधन और सरकार सभी भू विस्थापित परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे नहीं तो आंदोलन और तेज होगा।

भूविस्थापित किसानों की मांग पूरी नहीं होने पर 1 नवंबर कोल इंडिया और राज्य के स्थापना दिवस के दिन भूविस्थापित किसान कुसमुंडा- गेवरा मुख्यालय और जिला प्रशासन के कार्यालय के सामने जंगी प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाएंगे। जब पूरा कोल इंडिया और राज्य स्थापना का जशन मनाएगी तब कुसमुंडा गेवरा के साथ जिला कार्यालय के बाहर भू विस्थापित किसान अपने परिवार के साथ अपनी जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर हाथों में काला झंडा लेकर प्रदर्शन करते हुए काला दिवस मनाएंगे।

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