कोरबा के कोथारी गांव में सुखमती बाई की प्रेरणादायक कहानी, जानें कैसे बदली ग्रामीणों की जिंदगी
कोरबा (आदिनिवासी)| कुछ महीने पहले तक, कोरबा जिले के कोथारी गांव की महिलाओं के लिए पानी लाने की दिनचर्या काफी कठिन थी। सुबह और शाम को हैंडपंप से पानी लाने के लिए लंबी कतार में खड़ा होना और हैंडपंप चलाना उनकी दिनचर्या का हिस्सा था। इन महिलाओं में से एक सुखमती बाई ने बताया कि वह कई वर्षों तक हैंडपंप से पानी निकालती रहीं, लेकिन पानी का स्वाद लोहे जैसा होने के कारण पीने में परेशानी होती थी।
सुखमती बाई ने कहा, “हमें मजबूरी में वह पानी पीना पड़ता था क्योंकि कोई दूसरा विकल्प नहीं था। लेकिन जल जीवन मिशन के तहत गांव में नल लगने के बाद हमारी जिंदगी बदल गई है।” अब उनके घर में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो रही है। घर-घर नल कनेक्शन मिलने के बाद उन्हें हैंडपंप पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और पानी भी स्वाद में बेहतर है।
जल जीवन मिशन के तहत कोथारी गांव के घरों में नल कनेक्शन लगाए गए हैं। सुखमती बाई ने बताया, “पहले हैंडपंप से पानी लाने में मेहनत करनी पड़ती थी और सिर पर भारी पानी के बर्तन ढोना पड़ता था। अब घर में नल लगने के बाद हमें पानी लाने के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती।” उन्होंने इस बदलाव के लिए सरकार और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का आभार जताया।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में जल जीवन मिशन के तहत 703 गांवों में 2,07,076 घरेलू नल कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इस काम में तेजी से जुटा हुआ है।
जल जीवन मिशन की सफलता ने ग्रामीणों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। अब महिलाओं को पानी के लिए दूर-दूर तक नहीं जाना पड़ता और न ही हैंडपंप की कतार में खड़ा होना पड़ता है। महिलाओं के श्रम की बचत के साथ-साथ उन्हें साफ और शुद्ध पेयजल भी मिल रहा है।