सामुदायिक भवन का लोकार्पण और रियायती जमीन का तोहफा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बाबा घासीदास के विचारों को किया समर्पित, छत्तीसगढ़ को विकास की राह पर ले जाने का वादा
कोरबा (आदिनिवासी)। सतनामी कल्याण समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गुरु घासीदास जयंती समारोह में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने समाज को एकजुटता और समानता का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “बाबा गुरु घासीदास जी ने 18वीं शताब्दी में ऊंच-नीच, जाति-पाति और समाज की कुरीतियों को मिटाकर ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश दिया। उनका यह विचार आज भी मानवता को जोड़ने का काम कर रहा है।”
मुख्यमंत्री ने 90 लाख रुपये की लागत से बने सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया और सतनामी समाज को रियायती दर पर जमीन देने की घोषणा की।
बाबा घासीदास की प्रेरणा से छत्तीसगढ़ का विकास
मुख्यमंत्री ने कहा, “छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध है और मेहनतकश लोगों की भूमि है। बाबा घासीदास के आशीर्वाद से हम इसे विकसित राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शिक्षा, उद्योग, और सामुदायिक विकास हमारी प्राथमिकताएं हैं।”
उन्होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, धान खरीदी, और तेंदूपत्ता बोनस जैसी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। साथ ही, यूपीएससी परीक्षाओं की तैयारी के लिए ट्राइबल हॉस्टल में सीटों को 200 तक बढ़ाने का ऐलान भी किया।
समारोह में भव्य स्वागत और चांदी का मुकुट
समारोह के दौरान सतनामी समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री साय का भव्य स्वागत किया। उन्हें महामाला, बाबा घासीदास के तैलचित्र, और चांदी का मुकुट भेंट कर सम्मानित किया गया।
– खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा, “बाबा घासीदास ने मानवता को समानता का पाठ पढ़ाया। आज हमें शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।”
– उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने गुरु घासीदास के संदेश को याद करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ सरकार सभी समाज को साथ लेकर राज्य का समग्र विकास कर रही है। समारोह स्थल पर डोम निर्माण के लिए भी राशि स्वीकृत की गई है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गरीबों, युवाओं, और अनुसूचित जाति-जनजातियों के कल्याण के लिए नई शिक्षा और उद्योग नीति लागू कर रही है। उन्होंने समाज को शासन की योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की।
समारोह में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। सभी ने गुरु पर्व की शुभकामनाएं दीं और बाबा घासीदास के विचारों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।