कोरबा (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती वर्णिका शर्मा ने सोमवार को कोरबा जिले में संचालित बाल संप्रेषण गृह और बाल गृहों का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों की सुरक्षा, देखभाल और अधिकारों के संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने बाल संप्रेषण गृह (बालक), बाल गृह (बालिका) और बाल गृह (बालक) का भ्रमण किया। उन्होंने बच्चों से सीधे संवाद करते हुए उनकी आवश्यकताओं, उपलब्ध सुविधाओं और देखभाल की मौजूदा स्थिति की विस्तृत जानकारी ली।

मंत्री राजवाड़े और अध्यक्ष शर्मा ने संस्था अधीक्षक और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि बच्चों के रहने, भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा और समग्र देखभाल से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को निर्धारित मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, स्वच्छता व्यवस्था को और बेहतर बनाए रखने पर विशेष बल दिया गया।
निरीक्षण के दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम के सभी प्रावधानों का कड़ाई से पालन अनिवार्य है। अधिनियम के तहत तैयार किए जाने वाले रिकॉर्ड, पंजी और शासन द्वारा जारी निर्देशों को अद्यतन रखने पर विशेष जोर दिया गया, ताकि बच्चों से संबंधित सभी प्रक्रियाएं नियमानुसार संचालित हो सकें।

सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर जोर
मंत्री और अध्यक्ष ने सभी संस्थाओं की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी कैमरों की पर्याप्त उपलब्धता और उनका सुचारु रूप से संचालन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, प्रशिक्षित सुरक्षा गार्डों की उचित तैनाती भी आवश्यक बताई गई। संस्थाओं के प्रवेश-द्वारों और संवेदनशील क्षेत्रों की नियमित निगरानी को अनिवार्य करार दिया गया, ताकि बच्चों की सुरक्षा में किसी प्रकार की कमी न रहे।
निरीक्षण के समापन पर मंत्री राजवाड़े और अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि बच्चों के लिए सुरक्षित, संवेदनशील और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना शासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बच्चों की सुरक्षा, देखभाल, अधिकार संरक्षण और पुनर्वास से जुड़े सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू किया जाए।
इस अवसर पर कलेक्टर अजीत वसंत और जिला कार्यक्रम अधिकारी बसंत मिंज भी उपस्थित थे।





