कोरबा (आदिनिवासी)| छत्तीसगढ़ राज्य के गठन का रजत जयंती वर्ष कोरबा जिले में उत्साह, सामाजिक भागीदारी और सकारात्मकता के साथ मनाया जा रहा है। कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में “पोषण मेला” और विविध सामाजिक-शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया, जिसने जनमानस में स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण को लेकर नई चेतना का संचार किया।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य था जनता को पोषण और स्वास्थ्य के महत्व से जोड़ना, साथ ही संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना।
मेले में आयोजित गतिविधियों में शामिल रहे:
पोषण एवं स्थानीय खाद्य प्रदर्शनी
महतारी हेल्थ कैंप द्वारा स्वास्थ्य जांच
पोषण परामर्श एवं जागरूकता सत्र
पोषण संबंधी साहित्य का वितरण
इन कार्यक्रमों ने आम नागरिकों को न केवल बेहतर खानपान अपनाने की प्रेरणा दी, बल्कि समाज में एक स्वस्थ और जागरूक वातावरण निर्माण की दिशा में ठोस पहल की।
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान से समाज में नई ऊर्जा
इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की मिशन शक्ति टीम ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को और मजबूत करने के लिए विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए।
टीम ने महिलाओं और बालिकाओं को:
साइबर सुरक्षा और महिला सुरक्षा की जानकारी दी।
गुड टच-बैड टच जैसे संवेदनशील विषयों पर जागरूक किया।
स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
इसके साथ ही वाद-विवाद, चित्रकला और खेलकूद प्रतियोगिताएँ भी कराई गईं, जिनमें प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप सम्मानित किया गया।
इन पहलों ने महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं की शिक्षा की महत्ता को और गहराई से समाज में स्थापित किया।
टॉय मेकिंग वर्कशॉप: बच्चों की शिक्षा में रचनात्मकता का संचार
आंगनबाड़ी केंद्रों को अधिक आकर्षक और शिक्षाप्रद स्थल बनाने के लिए ECCE गतिविधियों के अंतर्गत टॉय मेकिंग वर्कशॉप आयोजित की गई।
इसमें कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, पालकों और स्थानीय शिल्पकारों ने अनुपयोगी वस्तुओं से खिलौने और शिक्षण सामग्री तैयार की।
सर्वश्रेष्ठ नवाचार करने वालों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया।
यह पहल बच्चों की शिक्षा को खेल, रचनात्मकता और नवाचार से जोड़ने का अनूठा प्रयास रहा, जिसने उनके सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त किया।
इन सभी आयोजनों का साझा उद्देश्य रहा — बच्चों, महिलाओं और समाज को स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के प्रति जागरूक बनाना।
कलेक्टर अजीत वसंत के नेतृत्व में हुए ये प्रयास केवल उत्सव मनाने तक सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्होंने रजत जयंती वर्ष को जनभागीदारी, सामाजिक जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन का अवसर बना दिया।