रायपुर। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने कल मोदी सरकार द्वारा अपने कार्यकाल में पेश किए जाने वाले अंतिम बजट में सभी फसलों के लिए सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की घोषणा करने की मांग की है। वर्ष 2014 में यह भाजपा का चुनावी वादा था, जिसे अभी तक भाजपा सरकार ने पूरा नहीं किया है।
सवा साल चले किसान आंदोलन की भी यही प्रमुख मांग थी, जिसे मोदी द्वारा पूरा करने की लिखित गारंटी के बाद खत्म किया गया था। किसान सभा ने कहा है कि यदि मोदी सरकार अपनी इस गारंटी को पूरा नहीं करती, तो प्रदेश में किसान “लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं” अभियान चलाएंगे।
आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के संयोजक संजय पराते ने कहा है कि मोदी सरकार जो समर्थन मूल्य घोषित करती है, वह ए-2 आधारित है, जबकि देश का किसान सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की कानूनी गारंटी की मांग कर रहा है, जिसकी सिफारिश स्वामीनाथन आयोग ने की है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में धान के लिए सी-2आधारित समर्थन मूल्य 4234 रूपये प्रति क्विंटल था, जबकि छत्तीसगढ़ में भाजपा की राज्य सरकार ने इनपुट सब्सिडी के साथ 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदने की घोषणा की है। यदि औसत उत्पादकता 25 क्विंटल प्रति एकड़ मानी जाए, तो प्रदेश के किसानों को एक सीजन में ही 28350 रूपये प्रति एकड़ का नुकसान हो रहा है।
इसलिए देश का किसान आंदोलन सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने की मांग करके किसी विशेषाधिकार की मांग नहीं कर रहा है। वह केवल अपने उस नुकसान की भरपाई की मांग कर रहा है, जिसके बिना उसका जिंदा रहना मुश्किल हो गया है, उसकी आय लगातार गिर रही है, वह कर्ज के दलदल में फंस रहा है और अपने सम्मान की रक्षा के लिए आत्महत्या करने पर मजबूर है।
किसान सभा नेता ने कहा कि भाजपा तथाकथित “मोदी गारंटी” का पूरे देश में प्रचार कर रही है। अब देखना यह है कि दस सालों बीतने के बाद भी मोदी अपने चुनावी वादे और लिखित आश्वासन को इस बार के बजट में पूरा करते हैं या नहीं। पराते ने कहा कि यदि मोदी सरकार अपनी इस गारंटी को पूरा नहीं करती, तो प्रदेश में किसान सभा अन्य संगठनों के साथ मिलकर “लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट नहीं” अभियान चलाएगी।