कोरबा/दीपका। गेवरा-पेंड्रा रेल कारीडोर अंतर्गत कृष्णानगर दीपका में बिना अर्जन क्षेत्र के निजी हक़ की भूमि पर रेल पथ निर्माण एजेंसी इरकान द्वारा जबरदस्ती निर्माण कराया जा रहा है जिसकी शिकायत जमीन व मकान मालिक द्वारा किया गया है किंतु कार्यवाही नही होने से भटकने को मजबुर् हैं।
गेवरा से पेंड्रा तक रेल कारीडोर निर्माण राज्य शासन, एसईसीएल और रेलवे के सयुंक्त , कॉरिडोर से गेवरा व दीपका खदान को जोड़ने के लिए दीपका अंतर्गत कृष्णानगर के 42 मकान और स्थित भूमि का अर्जन किया गया है जिसका मुआवजा भुगतान किया जा चुका है और अर्जित क्षेत्र में बने मकान को ध्वस्त कर रेल पथ का निर्माण जारी है। किंतु निर्माण एजेंसी के कार्य मे लगे अधिकारी व कर्मचारियों की मनमानी से लोंगो बेवजह परेशानी उठाना पड़ रहा है।
पूरे रेल लाइन के कारण विभिन्न ग्रामों के किसानों की खेती नही कर पा रहे हैं और बरसात का पानी खेतों में जाम हो जाने की शिकायत मिलती रहती है। इसी तरह का मामला कृष्ना नगर दीपका में होने पर शिकायत किया गया है। यहां पर रहने वाले केशव प्रसाद केवट का 66 डिसमिल जमीन के 45 डिसमिल जमीन का अर्जन रेल कॉरिडोर के लिए किया गया था बाकी 21 डिसमिल भूमि को सीमांकन कर चिन्हांकित कर दिया गया। पर निर्माण कार्य मे लगे कर्मचारी उसके शेष बचे जमीन को भी अर्जन होना बताकर मिट्टी डम्प कर दिया गया है । इसकी शिकायत केशव प्रसाद ने जिला प्रशासन से किया है और बार बार दफ्तरों का चक्कर काटने के बाद भी कोई कार्यवाही नही होने से परेशान है।
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने एसडीएम से जांच की मांग किया
संगठन के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने एसडीएम कटघोरा को इस बाबत जानकारी देते हुए किसान को न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने अपने लिखे पत्र में बताया है कि केशव प्रसाद पिता धनेश्वर जाति केवट की स्वामी हक़ की जमीन खसरा न० 450 • 3 कुल रकबा 0.66 एकड़ से 0.45 एकड़ भूमि अर्जन रेल कारीडोर के लिए किया गया है और शेष भूमि 0.21 एकड़ का आपके आदेशानुसार सीमांकन किया जाकर भूमि स्वामी केशव प्रसाद पिता धनेश्वर को सुपुर्द कर दिया गया है। किन्तु रेल कारीडोर निर्माण एजेंसी द्वारा अर्जन पश्चात केशव प्रसाद पिता धनेश्वर के शेष बचे भूमि 0.21 एकड़ क्षेत्र में जबरन मिट्टी डाल दिया गया है तथा उक्त क्षेत्र को अर्जित होना बताया जा रहा है। इसके सम्बन्ध में शिकायत किया गया है जिसपर कोई कार्यवाही नहीं होने से वह व्यक्ति परेशान है।