“08 जोड़ों को मिला आशीर्वाद, आयोजन का दसवां वर्ष, भव्य पारंपरिक, आदिवासी सांस्कृतिक महोत्सव”
नर्मदापुरम (आदिनिवासी)। इटारसी तहसील के गजपुर ग्राम पंचायत के घोघरी गांव स्थित बड़ादेव पेनठाना में रविवार को “आदर्श सामूहिक विवाह सम्मेलन एवं धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विचार सम्मेलन” का दसवां वार्षिक आयोजन भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस आयोजन में आदिवासी समाज के पारंपरिक गोंडी रीति-रिवाजों के अनुसार 8 जोड़ों का विवाह संपन्न कराया गया।
समारोह का संचालन समाज के वरिष्ठ नेता तिरुमाल रामरतन परते द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में समाज के लोग एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे।

जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति ने बढ़ाया समारोह का महत्व
सामूहिक विवाह समारोह में स्थानीय सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत प्रतिनिधि तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी सम्मिलित हुए। समारोह में श्री शिवराम उईके, आकाश कुशराम, श्याम चोरे, रामगोपाल ईरपांच, जनपद सदस्य सुखराम कुमरे, जनपद सदस्य प्रतिनिधि पप्पू परते, जनपद सदस्य तवानगर सोनू उईके समेत अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।
नवविवाहित जोड़ों को मिले स्मृति चिन्ह
समारोह में नवविवाहित जोड़ों को समाज के विभिन्न प्रतिष्ठित सदस्यों द्वारा उपहार प्रदान किए गए:
– श्री मनोहर मर्सकोले द्वारा सभी जोड़ों को प्रेशर कुकर भेंट किए गए।
– गोंडवाना महासभा आयुध नगर इटारसी एवं स्वतंत्र मजदूर यूनियन आयुर्वेद नगर इटारसी की टीम द्वारा सभी जोड़ों को विवाह फोटो तथा हाथ घड़ी प्रदान की गई।
– इस विशेष अवसर पर श्री दयाराम सरयाम, राजेश धुर्वे, किशन सलाम, पवन उईके, जागेश उईके, आशीष काकोडीया, सतीश सलाम परनामे जी एवं उनकी पूरी टीम का विशेष सहयोग रहा
– श्री(सी जे) मेहता एवं सारिका ठाकुर जी के साथ अजय सरयाम एवं अन्य समाज साथियों द्वारा सभी नवविवाहित जोड़ों को श्रृंगार सामग्री तथा साड़ी भेंट की गई।
– आयोजक समिति द्वारा सभी जोड़ों को आर्थिक सहायता राशि एवं पांच-पांच बर्तन प्रदान किए गए।

समाज के विभिन्न वर्गों का मिला समर्थन
समारोह में समाज के वरिष्ठ सदस्य श्री जगदीश काकोडीया, युवा सरपंच प्रतिनिधि जितेंद्र यूवन, विजय सलाम, अवधराम कुमेरे, सरपंच लक्ष्मण कलम, अंकित मर्सकोले, प्रशांत उईके, मोनू परते, अशीष उईके, सौरभ धुर्वे, कृष्णा उईके, शुभम ठाकुर के अलावा बड़ी संख्या में मातृशक्ति, युवा साथी एवं वरिष्ठ साथी उपस्थित रहे।
इस आयोजन के माध्यम से आदिवासी समाज ने अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करते हुए सामूहिक विवाह के माध्यम से सामाजिक एकता और सद्भाव का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। दसवें वर्ष में पहुंचा यह आयोजन आदिवासी समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बन गया है।