सेरीखेड़ी में उजाला संगठन की महिलाओं ने शुरू किया तिरंगा बनाना, आठ दिनों में 60 हज़ार झण्डे बनाने का लक्ष्य
रायपुर (आदिनिवासी)। आजादी की अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान के लिए रायपुर में महिला समूहों द्वारा बनाये गये तिरंगा झण्डे घर-घर में फहराये जायेंगे। अभियान के दौरान बड़ी संख्या में तिरंगा झण्डों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे की योजना पर जिला प्रशासन की मदद से महिला समूहों की सदस्य झण्डा बनाने के काम में जुट गई है।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे ने अभियान को सफल बनाने की अपील की
रायपुर जिले में सेरीखेड़ी के उजाला ग्राम संगठन से जुड़े महिला समूहों की दीदियां झण्डों की सिलाई का काम कर रही है। जल्द ही यह झण्डे अपने घरों में फहराने के लिए लोगों को उपलब्ध होंगे। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए 13 से 15 अगस्त तक अपने-अपने घरों में तिरंगा झण्डा फहराने की अपील की है।
जिला प्रशासन की मदद से तिरंगा झंडा बनाने का काम उजाला ग्राम संगठन की तीस महिलाओं ने शुरू किया है। आठ अगस्त तक महिलाओं ने लगभग 60 हज़ार झंडे बनाने का लक्ष्य रखा है। इन झंडो को बनाने के लिए माप आदि की तकनीकी जानकारी और मार्गदर्शन जिला पंचायत के आजीविका मिशन स्व जुड़े अधिकारियों ने दिया है।
स्व सहायता समूह की महिलाएँ खादी और पॉलिस्टर कपड़े के दो प्रकार के तिरंगा झण्डा बना रही है। आजीविका मिशन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि तिरंगा झंडा बनाने के लिये खादी के कपड़े स्थानीय स्तर पर खादी ग्रामोउद्योग बोर्ड से खरीदे गए है और पॉलिस्टर का कपड़ा दूसरे कपड़ा मिलों से मंगाया गया है। झण्डे बीस इंच ऊँचाई और 30 इंच चौड़ाई की निर्धारित माप में बनाये जाएंगे।
महिला समूहों की सदस्यों द्वारा बनाये गए इन झंडों को किफायती दरों पर सी मार्ट के साथ गाँव-गाँव की उचित मूल्य की राशन दुकानों पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। नगरीय निकायों और शासकीय कार्यालयों में भी स्टॉल लगाकर शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों सहित आम जनों को झण्डे उपलब्ध कराए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के अवसर पर देश भर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है।
इस महोत्सव के तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलेगा। अभियान के दौरान देश के नागरिक अपने-अपने घरों में तिरंगा झण्डा फहराकर आजादी का जश्न मनाएंगे। अपने घरों में बच्चों और नई पीढ़ी के लोगों को कई बलिदानों के बाद मिली आजादी का महत्व बताया जाएगा और राष्ट्रध्वज के गौरव, मान-सम्मान की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने की राष्ट्र भक्ति की भावना जगाई जाएगी।