ग्रामीणों की नाराजगी और प्रशासन की चुनौतियां
कोरबा (आदिनिवासी)। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा पथरापाली से कटघोरा के बीच नेशनल हाईवे क्रमांक-130 का निर्माण कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। लेकिन इस निर्माण कार्य में ग्राम जुराली और आसपास के इलाकों के किसानों की अधिग्रहित जमीन का मुआवजा अब तक नहीं मिला है। छह साल से अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा पाने के लिए किसान संघर्ष कर रहे हैं। प्रशासन और किसानों के बीच यह विवाद गहराता जा रहा है, जिससे परियोजना में देरी और तनाव बढ़ गया है।
पुलिस की निगरानी में हुआ सीमांकन कार्य
रविवार को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच एनएचएआई और प्रशासनिक अधिकारियों ने अधिग्रहित जमीन का सीमांकन पूरा किया। इस दौरान ग्रामीणों के विरोध को शांतिपूर्ण ढंग से नियंत्रित किया गया। सीमांकन के बाद जमीन पर नेशनल हाईवे द्वारा बोर्ड लगाकर अधिग्रहण को अंतिम रूप दिया गया। अधिकारियों का दावा है कि शेष निर्माण कार्य को जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
ग्रामीणों की नाराजगी और मुआवजे की मांग
गांव के किसानों में गहरी नाराजगी है कि जमीन अधिग्रहण के छह साल बाद भी उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला है। किसानों का कहना है कि वे कई बार कोरबा, रायपुर और बिलासपुर तक चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन राहत नहीं मिली। जुराली के किसान शत्रुघ्न लाल पटेल ने बताया, “हमने उचित मुआवजा पाने के लिए हर संभव प्रयास किया है। प्रशासन से लेकर न्यायालय तक का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।”
ग्रामीण चंद्रभान सिंह ने बताया कि उनकी जमीन पर जबरदस्ती सड़क बनाई जा रही है। उन्होंने कहा, “हम केवल इतना चाहते हैं कि हमें हमारी जमीन का सही मुआवजा मिले। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजबूरी में सड़क का विरोध करेंगे।”
फर्जीवाड़े के आरोप और किसानों का गुस्सा
किसानों का आरोप है कि कुछ मामलों में मुआवजे के लिए फर्जी मकान दिखाए गए हैं। वहीं, कई किसानों के नाम प्रकाशन में शामिल ही नहीं किए गए। चंद्रभान सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा, “हमें बार-बार एसडीएम, कलेक्टर और कमिश्नर के पास भेजा जा रहा है। क्या किसान हमेशा कोर्ट और अधिकारियों के चक्कर लगाता रहेगा? प्रशासन को हमारी मांगें सुननी चाहिए।”
एनएचएआई और प्रशासन का पक्ष
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कहना है कि मुआवजा न्यायालय के निर्देश के अनुसार दिया जाएगा। क्षेत्रीय अधिकारी का कहना है कि किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा जल्द मिलेगा। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से किसानों ने मुलाकात की थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि यदि किसान मुआवजे से असंतुष्ट हैं तो मामला पुनः आर्बिट्रेशन में भेजा जाएगा।
किसानों की चेतावनी: जल्द मुआवजा नहीं मिला तो होगा विरोध
किसानों ने साफ कहा है कि अगर उन्हें जल्द ही उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिला तो वे सड़क निर्माण का विरोध करेंगे। उनका कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करते रहेंगे।
प्रशासन और एनएचएआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों को उनकी जमीन का उचित और समय पर मुआवजा मिले। परियोजना की प्रगति और ग्रामीणों के हित के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। यदि इस विवाद का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो यह न केवल निर्माण कार्य में बाधा डालेगा बल्कि क्षेत्र में असंतोष भी बढ़ा सकता है।