कोरबा (आदिनिवासी)। राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किसानों के लिए एग्रीस्टेक पोर्टल में फार्मर आईडी पंजीयन अनिवार्य कर दिया है। अब केवल वही किसान प्राथमिक सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय कर सकेंगे, जिन्होंने पोर्टल पर पंजीयन करा लिया है।
पंजीयन की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है। जिले में अब तक कुल 56,801 किसानों ने पंजीयन करा लिया है। तहसीलवार स्थिति इस प्रकार है – अजगरबहार (1474), बरपाली (10555), कोरबा (2971), करतला (4108), भैंसमा (4151), कटघोरा (3863), दर्री (1035), दीपका (3837), पाली (9008), हरदीबाजार (5547), पोड़ी उपरोड़ा (6539) और पसान (3713)।
पंजीयन न कराने पर हो सकता है नुकसान
जिन किसानों ने अभी तक फार्मर आईडी नहीं बनवाई है, वे न केवल समर्थन मूल्य पर धान विक्रय से वंचित हो सकते हैं, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की आगामी किस्त का लाभ भी नहीं मिलेगा।
जिले में कुल 1,42,424 पंजीकृत किसान हैं, जिनमें से केवल 39.88 प्रतिशत (56801) ने ही फार्मर आईडी पंजीयन कराया है।
कहां और कैसे कराएं पंजीयन?
किसान स्वयं एग्रीस्टेक पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं, या अपने क्षेत्र की सहकारी समिति अथवा निकटतम लोक सेवा केंद्र (CSC) से सहायता ले सकते हैं। पंजीयन के लिए निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं।
भूमि संबंधी बी-1 दस्तावेज
ऋण पुस्तिका
आधार कार्ड
आधार से लिंक मोबाइल नंबर (OTP प्राप्त करने योग्य)
क्या है फार्मर आईडी और क्यों है जरूरी?
पंजीयन उपरांत किसान को 11 अंकों की एक विशिष्ट पहचान संख्या (फार्मर आईडी) प्राप्त होगी, जो उसकी डिजिटल पहचान होगी। यह ई-केवाईसी आधारित होगी, जिससे दोहराव की संभावना समाप्त हो जाएगी और किसान की वास्तविकता प्रमाणित होगी।
एग्रीस्टेक पोर्टल, भारत सरकार द्वारा विकसित एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसका उद्देश्य किसानों की पहचान, भूमि विवरण, वित्तीय स्थिति, फसल और बीमा संबंधी जानकारी को समेकित करना है। इससे न केवल किसान को सरकारी योजनाओं का पारदर्शी लाभ मिलेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में तकनीकी दक्षता भी बढ़ेगी।
शासन की प्राथमिकता : पारदर्शिता और तकनीक
राज्य शासन द्वारा सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को निर्देशित किया गया है कि वे पंजीयन प्रक्रिया को प्राथमिकता से संपन्न करें। फसल रकबा संशोधन एवं नवीन पंजीयन का कार्य 01 जुलाई से 31 अक्टूबर 2025 तक संचालित किया जाएगा।
यह पहल किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में आय वृद्धि, योजनाओं का समुचित लाभ और सटीक आंकड़ों के आधार पर नीतिगत निर्णयों में सहायक सिद्ध होगी।