रविवार, सितम्बर 8, 2024

कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न!

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डायरिया, मलेरिया व मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार कर करें कार्य: कलेक्टर

स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने एवं प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण करने  हेतु किया निर्देशित

शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने एवं जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित क्रियान्वयन करने के दिए निर्देश

कोरबा (आदिनिवासी)। कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने विभागीय कामकाज की विस्तृत समीक्षा करते हुए जिले में डायरिया, मलेरिया मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित रखने, स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने एवं जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का समुचित क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर  सीईओ जिला पंचायत संबित मिश्रा, निगमायुक्त श्रीमती प्रतिष्ठा ममगाई, सीएमएचओ डॉ एस एन केसरी, डीपीएम,  समस्त बीएमओ, बीपीएम, नोडल अधिकारी सहित  स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी  कर्मचारी उपस्थित थे।

बीएमओ सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी  फील्ड में जाकर डायरिया, मलेरिया से बचाव हेतु आमजनों को करें जागरूक

कलेक्टर ने जिले में मानसून के दौरान डायरिया, मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु की गई तैयारियों की जानकारी लेते हुए आवश्यक सभी तैयारियां सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य अमले को निर्देशित करते हुए कहा कि वनांचल सहित मैदानी क्षेत्रों में डायरिया, मलेरिया और मौसमी बीमारियों का संक्रमण ना हो इसके लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार कर कार्य करें। साथ ही दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर मलेरिया, डायरिया सहित मौसमी बीमारियों के बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अमले को सतर्क रहते हुए प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण करने एवं संक्रमित व्यक्तियों को तत्काल स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर उपचार करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने पहुँचविहीन क्षेत्रो में मितानिनो, सचिवों या यूथ वॉलिंटियर्स के माध्यम से क्षेत्र में मौसमी बीमारी के प्रकोप के संबंध में तत्काल जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने पहुँचविहीन क्षेत्रो व मैदानी इलाकों में सभी सामुदायिक,  प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में जिंक टेबलेट, ओआरएस सहित अन्य आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा। कलेक्टर ने बीएमओ सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारियो को फील्ड में जाकर शिविर का मॉनिटरिंग करने एवं  डायरिया, मलेरिया से बचाव और सावधानी बरतने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु निर्देशित किया।

मोरगा में आमजनों की सुविधा हेतु एम्बुलेंस वाहन की होगी व्यवस्था

कलेक्टर ने मोरगा जैसे दूरस्थ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार हेतु एम्बुलेंस वाहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही। इस हेतु डीएमएफ मद से स्वास्थ्य विभाग को दिए जा रहे 07 एम्बुलेंस में से एक एम्बुलेंस  मोरगा में संचालित करने के निर्देश दिए। साथ ही जिले के आवश्यकता वाले स्थानों में अन्य एम्बुलेंस को संचालित करने के लिए योजना बनाने के लिए कहा। जिससे एम्बुलेंस का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित हो सके एवं आमजन लाभान्वित हो।

ग्रामीणों को टेस्ट के लिए निजी लैब या अन्य शहर जाने की नही पड़ेगी जरूरत
सीएचसी व मेडिकल कॉलेज में ब्लड सहित अन्य जांच की होगी व्यवस्था

कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रो में स्वास्थ्य क्षेत्र में विस्तार हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सको एवं कर्मचारियों के लिए आवास व्यवस्था हेतु जल्द ही आवसीय भवन निर्माण कराने की बात कही। उन्होंने जिले के भवनविहीन एवं जर्जर पीएचसी भवनों की जानकारी लेते हुए जर्जर भवनों की मरम्मत हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही जिले में आमजनों को घर बैठे ही लैब टेस्ट की सुविधा प्रदान करने के लिए कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों को टेस्ट के लिए  निजी लैब या अन्य शहर जाना नही पड़ेगा। इस हेतु बीएमओ को सीएचसी में बल्ड सहित विभिन्न स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की तैयारी भी सुनिश्चित करने के लिए कहा। सीएचसी में मैनपावर, उपकरण सहित अन्य व्यवस्था जल्द पूर्ण होगी। जिससे लोगों का टेस्टो में होने वाले खर्च से राहत मिलेगी। साथ ही सीएचसी में ना होने वाले टेस्ट की जांच मेडिकल कॉलेज में किया जाएगा। जिसके लिए सैम्पल को पीएचसी से सीएचसी या मेडिकल कॉलेज तक लाने या रिपोर्ट को सीएचसी पीएचसी तक पहुचाने की जिला प्रशासन द्वारा व्यवस्था की जाएगी।

शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने के दिए निर्देश
पीएचसी व सब हेल्थ सेंटर में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने हेतु किया निर्देशित

बैठक में कलेक्टर द्वारा मातृत्व स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य के संबंध में  जानकारी  लेते हुए कहा कि  मातृत्व  एवं शिशु स्वास्थ्य में दी जाने वाली सेवाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता दें साथ ही कोई भी लाभार्थी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित ना हो सभी स्वास्थ्य अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान दे। जिले में संस्थागत प्रसव की उपलब्धि की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने के निर्देश दिए। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सब हेल्थ सेंटर में भी संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ाने की बात कही। इस हेतु मितानिनों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का पंजीयन उनका नियमित स्वास्थ्य जांच एवं फालोअप लेने की हिदायत दी।  

गम्भीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कर प्राथमिकता से दिलाएं स्वास्थ्य लाभ
कलेक्टर ने सभी विकासखंडों में एनीमिया मुक्ति, कुपोषण स्तर में गिरावट लाने हेतु किए जा रहे कार्याे की जानकारी लेते हुए एनिमिक महिलाओं, कुपोषित बच्चों को गंभीरता से गर्म भोजन एवं पोषण आहार प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने पोषण पुनर्वास केंद्र में बेड आक्यूपेसी की जानकारी लेते हुए गम्भीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कर प्राथमिकता से उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिलाने
निर्देश दिए। इस हेतु बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें केंद्र भेजने की दिशा में पहले ही आवश्यक तैयारी पूर्ण करने की बात कही।
आयुष्मान कार्ड उपयोग के संबंध में जानकारी लेते हुए उन्होंने सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं निर्धारित निजी चिकित्सालयों  में आयुष्मान कार्ड के उपयोग के संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले या जिले के बाहर के भी प्राइवेट हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से की जाने वाली ईलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नही होना चाहिए। सभी अधिकारी इसका पालन सुनिश्चित करें। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में  इस सम्बंध में जागरूकता लाने हेतु  व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं आमजनों को प्रोत्साहित करने की बात कही।
कलेक्टर ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिरायु दल द्वारा सभी स्कूलों आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित विजिट करने के लिए कहा एवं इलाज की आवश्यकता वाले बच्चों को गम्भीरता से स्वास्थ्य लाभ पहुचाने के निर्देश दिए।

बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अंतर्गत  दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की टीका,  कुष्ठ उन्मूलन, क्षय रोग,  टी.बी. हाइपरटेंशन, कृमिनाशक एवं विटामिन दवा पान, तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम, मनोरोग चिकित्सा कार्यक्रम की भी समीक्षा करते हुए योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने सभी योजनाओं का शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने हेतु सभी अधिकारियों को व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य करने के निर्देश दिए।


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