भाकपा-माले की टीम ने किया दौरा
लखनऊ (आदिनिवासी)। सुल्तानपुर जिले में एक 18 वर्षीय दलित नौजवान के द्वारा अपनी बकाया मजदूरी मांगने पर पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। घटना कादीपुर तहसील के अखंड नगर थानान्तर्गत ग्राम बरामदपुर की है। भाकपा (माले) के चार सदस्यीय जांच दल ने सुल्तानपुर जिले का दौरा कर पीड़ित परिवार से भेंट की और शोक संवेदना व्यक्त की।
मृतक के पिता तेज बहादुर ने जांच दल को बताया कि घटना बीते 25 अगस्त को हुई। विनय उनके तीन पुत्रों में सबसे छोटा था। पूरा परिवार मजदूरी पर ही निर्भर है। उन्होंने बताया कि विनय ने गांव के ही राम अनुज यादव के घर निर्माण संबंधी कार्य में मजदूरी की थी। बारह सौ रूपए मजदूरी के बकाया थे। वह मजदूरी मांगने उनके घर गया, मगर लौटकर नहीं आया। उसी दिन शाम छह बजे उसकी लाश नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मिली। यह स्वास्थ्य केंद्र अम्बेडकरनगर जिले के जलालपुर में है। हत्यारों ने उसकी बर्बर पिटाई करने के बाद गंभीरावस्था में उक्त स्वास्थ्य केंद्र में दुर्घटना का केस बताकर भर्ती कराया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पिता ने माले टीम को बताया कि राम अनुज यादव जो प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक हैं, के बेटे दिग्विजय यादव ने दो अन्य व्यक्तियों (कुलदीप यादव पुत्र ओमप्रकाश यादव, हेमंत यादव) के साथ मिलकर गांव के ट्यूबवेल पर विनय की बर्बर पिटाई की। इसके पहले बकाया मजदूरी के पैसे को लेकर विवाद हुआ। घटना लगभग चार बजे शाम की है। मार-पीट के दौरान जब विनय बेहोश हो गया, तो तीनों ने उसे पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर के अस्पताल (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जलालपुर) में भर्ती करा दिया। अस्पताल में होश आने पर विनय ने डाक्टर को बताया कि वह दुर्घटना से नहीं, अपितु जिन लोगों ने उसे भर्ती कराया है उन्होंने ही उसे मारा पीटा है। घर वालों को गिरिजेश यादव ने सूचित किया कि विनय गंभीर रूप से दुर्घटना में घायल हुआ है और वह जलालपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हैं। आकर उसकी देखभाल कीजिए।सूचना पाकर जब विनय के घर वाले अस्पताल पहुंचे, तो हत्यारे वहां से भाग गए। घर वालों के अस्पताल पहुंचने के पूर्व ही शाम छः बजे विनय की मौत हो चुकी थी। बाद में विनय के पिता ने अखंड नगर थाने में एफआईआर (नंबर 0246/2023) दर्ज करायी, किंतु पुलिस ने केवल दिग्विजय यादव के खिलाफ ही नामजद एफआईआर दर्ज की। वह गिरफ्तार हुआ, लेकिन हत्याकांड में शामिल अन्य अभियुक्त आजाद हैं।
सूचना पाकर जब विनय के घर वाले अस्पताल पहुंचे, तो हत्यारे वहां से भाग गए। घर वालों के अस्पताल पहुंचने के पूर्व ही शाम छः बजे विनय की मौत हो चुकी थी। बाद में विनय के पिता ने अखंड नगर थाने में एफआईआर (नंबर 0246/2023) दर्ज करायी, किंतु पुलिस ने केवल दिग्विजय यादव के खिलाफ ही नामजद एफआईआर दर्ज की। वह गिरफ्तार हुआ, लेकिन हत्याकांड में शामिल अन्य अभियुक्त आजाद हैं।
जांच दल के दौरे के बाद पार्टी राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार में दलित सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। उनका पुरसाहाल नहीं है। दलित हत्या व दुराचार की बढ़ती घटनाएं मुख्यमंत्री योगी की कानून व्यवस्था के दावों की पोल खोलती हैं। पार्टी ने सुल्तानपुर की घटना की उच्चस्तरीय जांच, सभी दोषियों को कठोर सजा और मृतक के परिजनों को पर्याप्त मुआवजे की मांग की है।