प्रबंधन की अपील और धमकी के बावजूद कर्मियों का हड़ताल पर दृढ़ संकल्प
भिलाईनगर (आदिनिवासी)। भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रस्तावित हड़ताल के मद्देनज़र प्रबंधन द्वारा जारी किए गए सर्कुलर का जवाब देते हुए संयुक्त यूनियन ने कहा है कि यह हड़ताल पूरी तरह से वैध है, और प्रबंधन इससे घबराया हुआ है। यूनियन ने प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वह कर्मचारियों को डराने की कोशिश कर रहा है, जबकि कर्मचारी अब इस प्रकार की धमकियों और वेतन कटौती से नहीं डरते। वे हड़ताल को पूरी तरह सफल बनाने के लिए संकल्पित हैं। यूनियन ने कर्मचारियों से अपील की है कि वे प्रबंधन के बहकावे में न आएं।
सुलह बैठक विफल, प्रबंधन ने निकाली धमकी भरी अपील
28 अक्टूबर की हड़ताल के सिलसिले में मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) द्वारा आयोजित सुलह बैठक असफल रही। इसके बाद भिलाई प्रबंधन ने एक पत्र जारी किया, जिसमें अधिकांश मांगों को केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों तथा कॉरपोरेट कार्यालय से जुड़ा बताया गया। साथ ही, संयंत्र की गौरवमयी औद्योगिक शांति और सौहार्द की परंपरा को याद दिलाते हुए, प्रबंधन ने कर्मचारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। इस पर संयुक्त यूनियन ने प्रबंधन को जवाब देते हुए कहा कि कर्मचारी हमेशा से शांति और सौहार्द के साथ कार्य करते आए हैं, लेकिन प्रबंधन ने कभी उनके इस समर्पण का सम्मान नहीं किया।
संयंत्र में बढ़ता असंतोष, प्रबंधन का संकट
संयुक्त यूनियन का दावा है कि प्रबंधन कर्मियों के बढ़ते असंतोष से अनभिज्ञ नहीं है, लेकिन इसका समाधान निकालने में नाकाम है। उच्च प्रबंधन से कोई मदद न मिलने के कारण स्थानीय प्रबंधन अब हड़ताल को असफल दिखाने के लिए कर्मचारियों को भ्रामक जानकारी देकर भ्रमित करने का प्रयास कर रहा है। प्रबंधन ने कई तरह की कार्रवाइयों का हवाला देकर कर्मचारियों को धमकाने की कोशिश की है, जो कि यूनियन के अनुसार एक असंवेदनशील और भय दिखाने वाली अपील के समान है।
प्रबंधन के दावे की हकीकत और कर्मचारियों का आक्रोश
प्रबंधन की अपील को खारिज करते हुए यूनियन ने कहा कि अपील का उद्देश्य कभी भी धमकी देना नहीं होता, लेकिन प्रबंधन की भाषा में यह साफ दिखता है कि वह कर्मचारियों को डराने का प्रयास कर रहा है। प्रबंधन ने पत्र में हड़ताल पर रहने के कारण कार्यवाही का जिक्र किया है और इसे केंद्र-राज्य सरकार की नीतियों से जोड़कर मुद्दों से पल्ला झाड़ा है। यूनियन का कहना है कि जो मांगें भिलाई संयंत्र के अधिकारियों के अधीन आती हैं, उन पर भी प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। यूनियन ने कहा कि कर्मी अब प्रबंधन की इस ‘शांति और सौहार्द’ की बातों से थक चुके हैं, जिसे प्रबंधन ने हमेशा अपने लाभ के लिए इस्तेमाल किया है।
हड़ताल के दिन कर्मियों का मजबूत इरादा
प्रबंधन के धमकी भरे लहजे पर अपनी प्रतिक्रिया में संयुक्त यूनियन ने कहा कि प्रबंधन की यह धमकियां हड़ताल के दिन कर्मियों को रोक नहीं पाएंगी। कर्मचारी भली-भांति समझते हैं कि प्रबंधन उनके अधिकारों को दबाने का प्रयास कर रहा है, और संघर्ष के हर कदम पर प्रबंधन केवल उनकी हड़ताल को कमजोर करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपना रहा है। लेकिन इस बार कर्मियों ने यह संकल्प लिया है कि वे प्रबंधन की मनमानी का मुँहतोड़ जवाब देंगे और हड़ताल के दिन संयंत्र में न जाकर अपने अधिकारों के लिए मजबूती से खड़े रहेंगे।
भिलाई इस्पात संयंत्र में आगामी हड़ताल को लेकर कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। प्रबंधन के धमकी भरे पत्रों और अपीलों के बावजूद कर्मचारियों ने अपने अधिकारों के लिए मजबूती से खड़े होने का निर्णय लिया है। यूनियन का कहना है कि प्रबंधन के भय दिखाने वाले कदम से अब कर्मियों को डराया नहीं जा सकता।