रायगढ़ (आदिनिवासी)| मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 14 अक्टूबर को रायगढ़ जिले के लैलूंगा प्रवास पर आएंगे, जहाँ वे उरांव समाज के करमा महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह महोत्सव उरांव समाज की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, जो हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री का प्रवास कार्यक्रम
मुख्यमंत्री श्री साय ग्राम-सिलौटा, जिला-सूरजपुर से दोपहर 2.15 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान करेंगे और अपराह्न 3 बजे लैलूंगा पहुंचेंगे। वहां पहुंचकर, मुख्यमंत्री सीधे वृहत सम्मेलन और करमा महोत्सव के कार्यक्रम में भाग लेंगे।
करमा महोत्सव का महत्व
करमा महोत्सव उरांव समाज का प्रमुख त्योहार है, जिसमें समाज के लोग पारंपरिक नृत्य, गीत और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से अपनी संस्कृति को जीवंत करते हैं। इस महोत्सव में शामिल होकर मुख्यमंत्री श्री साय न केवल समाज की परंपराओं को मान्यता देंगे, बल्कि उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को भी समझने का प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री का संबोधन
श्री साय अपराह्न 3.05 बजे वृहत सम्मेलन में समाज के लोगों को संबोधित करेंगे। अपने संबोधन में वे उरांव समाज की महत्वपूर्णता, उनकी संस्कृति और परंपराओं पर अपने विचार साझा करेंगे। इसके साथ ही वे समाज की उन्नति और विकास के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा करेंगे।
समाज की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री के इस प्रवास और करमा महोत्सव में शामिल होने की खबर से उरांव समाज में खासा उत्साह है। समाज के लोग इस अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री की उपस्थिति से उनके सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान को बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री का प्रस्थान
मुख्यमंत्री श्री साय शाम 4.10 बजे लैलूंगा से रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। उनका यह एक दिवसीय प्रवास न केवल उरांव समाज बल्कि पूरे रायगढ़ जिले के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस प्रवास से समाज में एकजुटता और सामूहिकता का संदेश जाएगा, जिससे उरांव समाज और अधिक सशक्त और संगठित हो सकेगा।
उरांव समाज के लिए संभावनाएं
करमा महोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री की उपस्थिति से उरांव समाज के लोगों में नई उम्मीद जगी है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री उनके क्षेत्र की विकास योजनाओं को और भी गति देंगे और उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए ठोस कदम उठाएंगे।
मुख्यमंत्री का यह प्रवास सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी उपस्थिति से उरांव समाज के करमा महोत्सव को नया आयाम मिलेगा और समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।