सरगुजा और बस्तर संभाग में ओबीसी के लिए क्या बचा?
कोरबा (आदिनिवासी)| जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप जायसवाल और शहर अध्यक्ष सपना चौहान ने संयुक्त बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने षडयंत्रपूर्वक ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म कर दिया है। इस फैसले से ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार अपने अधिकारों का हनन महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण खत्म: कांग्रेस का दावा
जिला कांग्रेस के अनुसार, भाजपा सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों के आरक्षण प्रावधानों में दुर्भावनापूर्ण संशोधन किए। इसके चलते प्रदेश के 16 जिला पंचायतों और 85 जनपदों में ओबीसी आरक्षण समाप्त हो गया। अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो चुका है, जिससे इस वर्ग में असंतोष बढ़ रहा है।
मैदानी क्षेत्रों में ओबीसी का प्रतिनिधित्व घटा
कई पंचायतों में, जहां ओबीसी आबादी 90 से 99 प्रतिशत है, वहां भी सरपंच पद अनारक्षित कर दिए गए हैं। पंचों का आरक्षण भी जनसंख्या के अनुपात में काफी कम है। पहले जो सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थीं, अब सामान्य घोषित हो चुकी हैं।
सरगुजा और बस्तर संभाग में बड़ा नुकसान
सरगुजा संभाग (अंबिकापुर, बलरामपुर, सुरजपुर, कोरिया, भरतपुर) और बस्तर संभाग (बस्तर, कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर) में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो चुका है। इन क्षेत्रों में ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व शून्य के करीब हो गया है।
ओबीसी वर्ग के अधिकारों पर डाका: कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर ओबीसी वर्ग के खिलाफ षडयंत्र रचने का आरोप लगाया। रायपुर और बिलासपुर जिला पंचायतों में ओबीसी के लिए सिर्फ 4 सीटें आरक्षित हैं। वहीं, 17 सीटों में से एक भी सीट ओबीसी पुरुष के लिए आरक्षित नहीं है। कांग्रेस ने इसे ओबीसी वर्ग के हक और अधिकारों पर सीधा हमला बताया।
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण को खत्म कर उनके अधिकारों का हनन किया है। इससे ओबीसी वर्ग में असंतोष और भाजपा सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।