सोमवार, फ़रवरी 17, 2025

बिलासपुर: गांजा तस्करी में शामिल पुलिसकर्मी और संगठित गिरोह का पर्दाफाश

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बिलासपुर (आदिनिवासी)। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने जीआरपी थाना बिलासपुर में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के तहत एक बड़े मामले का खुलासा किया। 23 अक्टूबर 2024 को जीआरपी थाना बिलासपुर ने आरोपी योगेश सोंधिया और रोहित द्विवेदी से 20 किलोग्राम गांजा जब्त किया था। मामले में चार पुलिसकर्मी, लक्ष्मण गाईन, मन्नू प्रजापति, संतोष राठौर और सौरभ नागवंशी, गांजा तस्करी में लिप्त पाए गए। इन पुलिसकर्मियों ने ट्रेन में चेकिंग के दौरान जब्त गांजे को संगठित तरीके से अपने सहयोगियों के माध्यम से बेचने का काम किया।

कैसे होती थी तस्करी?

आरोपियों ने ट्रेन में चेकिंग ड्यूटी के दौरान महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, गोंदिया, चांपा, और सक्ती जैसे इलाकों में गांजा जब्त कर अपने निजी सहयोगियों योगेश उर्फ गुड्डू और श्यामधर उर्फ छोटू के माध्यम से खरीदारों को बेचा। गिरोह के इन कारनामों के आधार पर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया है।
तस्करी से हुई कमाई को आरोपियों ने नकद और ऑनलाइन माध्यमों से अपने और बेनामी खातों में जमा किया। इस अवैध कमाई से उन्होंने करोड़ों की संपत्ति, लक्जरी वाहन और जमीनें खरीदीं।

जब्त संपत्ति का विवरण:

1. लक्ष्मण गाईन:
1600 वर्गफुट भूमि, सिरगिट्टी, बिल्हा। मूल्य: ₹50 लाख।
हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल: ₹2.8 लाख।
टाटा सफारी: 20 लाख रुपए।
2. संतोष राठौर:
5232 वर्गफुट भूमि, फरसवानी, कोरबा। मूल्य: ₹10 लाख।
हुंडई वेन्यू कार: 5 लाख रुपए।
3. मन्नू प्रजापति:
1428 वर्गफुट भूमि और मकान, सिरगिट्टी, बिलासपुर। मूल्य: ₹40 लाख।
1000 वर्गफुट भूमि, बिलासपुर। मूल्य: 10 लाख रुपए।

कानूनी कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया

गांजा तस्करी में अवैध संपत्ति जब्त कर एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई। सफेमा कोर्ट मुंबई में मामले का प्रतिवेदन भेजा गया है।

इस कार्रवाई में शामिल टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए पुलिस अधीक्षक ने पुरस्कार की घोषणा की। यह कार्रवाई नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ पुलिस के संकल्प को दर्शाती है।
इस घटना ने पुलिस विभाग में छिपे भ्रष्टाचार और संगठित अपराधों को उजागर किया है। मामले की जांच तेज़ी से की जा रही है, ताकि दोषियों को कड़ी सजा दी जा सके और नशा मुक्त समाज का निर्माण हो सके।

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