कोरबा/लिटियाखार (आदिनिवासी)। भाषीय गोंडवाना महासभा के तहत आयोजित दो दिवसीय सामाजिक महासभा का समापन 15 और 16 दिसंबर को लिटियाखार में हुआ। इस महासभा का उद्देश्य सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करना था। मुख्य संरक्षक बलवान सिंह मरकाम के नेतृत्व में सर्वसम्मति से नई केंद्रीय टीम का गठन किया गया।
महासभा में देवी सिंह उइके को केंद्रीय अध्यक्ष और राजू उरेती को कोषाध्यक्ष चुना गया। युवा और महिला प्रभागों के लिए भी नेतृत्व का चयन किया गया। कीर्ति उरेती को युवा प्रभाग का अध्यक्ष और गिरजा उइके को महिला प्रभाग की अध्यक्षा नियुक्त किया गया। इन सभी ने समाज के उत्थान के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया।
सामाजिक सुधार पर जोर
महासभा में उपस्थित सभी सदस्यों ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और गोंडवाना समाज की परंपराओं और रीति-नीतियों का पालन सुनिश्चित करने का वचन लिया। यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
महासभा में एस.एस. गोंड, कौशल सिंह मरावी, लेख राम उइके, संगठन मंत्री डोमार सिंह मरावी, सुरेश नेताम, मुन्ना मरावी, पवन मरावी, नरेश कुमरे, गणेश सिंह, कैलाश श्याम, शिवनारायण मरकाम, प्रदीप सिरश्याम, अरन धुर्वे, सरजू उइके, धनंजय मरकाम और गुलाब मरावी ने सक्रिय भूमिका निभाई।
महिला शक्ति का भी विशेष योगदान रहा। गीता श्याम, वेद कुंवर, चंद्रकला मरावी, सावित्री श्याम, मेंम बाई पोर्ते, और संतोषी मरावी ने सभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
गोंडवाना महासभा का महत्व
यह आयोजन गोंडवाना समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास है। सामाजिक एकता और जागरूकता को मजबूत करने के साथ-साथ यह सभा समाज के हर वर्ग को शामिल कर बदलाव की नई राहें खोल रही है।
इस महासभा ने यह संदेश दिया कि समाज को एकजुट करके ही परिवर्तन संभव है। नए नेतृत्व से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे गोंडवाना समाज के विकास में नए मील के पत्थर स्थापित करेंगे।