भूविस्थापितों में जगी आस: ऊर्जाधानी भुविस्थापित सन्गठन का जताया आभार
कोरबा/दीपका (आदिनिवासी)। ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा जिले में भुविस्थापितों और प्रभावितो के रोजगार , मुआवजा और बसाहट से सबंधित समस्याओ को लेकर चलाये जा रहे संघर्षो का परिणाम धीरे धीरे सामने आ रहा है । पुराने लंबित रोजगार के वर्षो पूर्व मामले में मार्च महीने में मुख्यालय से स्वीकृति उपरांत एसईसीएल दीपका क्षेत्र अंतर्गत 4 प्रकरणों का निपटारा करते हुए विधिवत कार्यवाही के बाद आखिरकार 4 लोंगो लोंगो को ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त हुआ । मार्च महीने में ही राजेन्द्र कुमार पिता रघुवीर सिंह , पुखराज पिता नीलम नारायण, राजेन्द्र पिता गणपत राम ,दिवानपाल पिता द्वारिका को रोजगार के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी गयी थी जिसे आज ज्वायनिंग लेटर प्रदान किया गया ।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1986 में भारत सरकार कोयला मंत्रालय द्वारा दीपका विस्तार परियोजना अंतर्गत कोयला धारक क्षेत्र (अर्जन एवं विकास) अधिनयम 1957 के तहत झाबर ,रेकी, चैनपुर , बेलटिकरी ,सिरकी , झिंगटपुर ,मलगांव , सुआभोडी ,दीपका व रातिजा गांव का अधिग्रहण किया गया था जिसमे कुल 1645 किसानों की निजी हक की जमीन ली गयी थी । प्रबधन द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार 117 लोंगो को रोजगार दिया जाना शेष है । जिसमे से 59 लोंगो द्वारा ही रोजगार की मांग करते हुए आवेदन जमा किया गया है बाकी लोंगो ने आवेदन के लिए सामने नही आये हैं । जबकि राजस्व सर्वे में 65 लोंगो की जानकारी सामने आई है ।
ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री सपूरन कुलदीप ने जानकारी देते हुए कहा कि सन्गठन द्वारा एसईसीएल के सभी क्षेत्रों की रोजगार बसाहट और मुआवजा और उससे जुड़ी हुई अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए जमीनी और कानूनी सँघर्ष चलाई जा रही है । पिछले 10 सालों से ऊर्जाधानी संगठन के खदानों और सड़कों की लड़ाई के बाद भुविस्थापितों की मांगों को अब जाकर सुनवाई हो रही है । नवम्बर महीने में सन्गठन के आंदोलन के दबाव के बाद कलेक्टर एवं मुख्यालय स्तर पर कार्यवाही शुरू की गई थी । और राजस्व विभाग द्वारा सभी अधिग्रहित गांवो में सर्वे भी किया गया । दीपका क्षेत्र अंतर्गत 65 मामले ग्रामीणों ने रखे थे जिसमें से 36 प्रकरण के दस्तावेजो में कमी , 11 मामले अर्जन के बाद जन्म , 14 मामले खातेदार के साथ रैखिक सबन्ध नही होंने के कारण लम्बित होना बताया गया था । जबकि अभी बहुँत लोंगो ने रोजगार का आवेदन ही नही भरा है ।
भुविस्थापित नेता ने बताया कि इसी तरह से पूर्व की जानकारी के अनुसार कुसमुंडा में 628 , गेवरा में 453 पुराने रोजगार के मामले विभिन्न कारणों से लम्बित है जिसपर कार्यवाही जारी है तथा दस्तावेजो की बारीकी से जांच किया जा रहा है जिससे कोई भी पात्र रोजगार से वंचित न रहे । उन्होंने बताया कि विगत 17 फरवरी को कलेक्टर कार्यालय में समीक्षा मीटिंग में ऐसे सभी मामलों में खातेदारों अथवा उनके वारिसों को अपना नामाँकन ,आवेदन दस्तावेज जमा करने के लिए 3 माह का अतिरिक्त समय दिया गया है जो समयावधि में अपना आवेदन कर सकते हैं जिसके लिए ऊर्जाधानी सन्गठन भी सहयोग कर रही है । इसी के साथ प्रबन्धन पर दबाव बनाये रखने के लिये सन्गठन द्वारा कार्यलयों के सामने अपना अनिश्चितकालीन धरना को जारी रखे हुए है ।