गुरूवार, नवम्बर 21, 2024

39वें चक्रधर समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने शास्त्रीय संगीत और राजा चक्रधर के योगदान को बताया अविस्मरणीय!

Must Read

शास्त्रीय संगीत: हमारी सांस्कृतिक धरोहर, जिसे जीवित रखना है हमारा कर्तव्य – केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले

रायगढ़ (आदिनिवासी)। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले ने रायगढ़ में आयोजित 39वें चक्रधर समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। समारोह के दौरान दीप प्रज्वलित कर उन्होंने सभा को संबोधित किया और रायगढ़ को भारत में शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया। उन्होंने कहा, “रायगढ़ ने संगीत को एक पहचान दी है, और हम सबकी जिम्मेदारी है कि शास्त्रीय संगीत को जीवित रखें और इसका प्रचार-प्रसार करें।”

श्री आठवले ने आधुनिक फिल्मों और संगीत की तुलना करते हुए शास्त्रीय संगीत के संरक्षण के लिए इस प्रकार के आयोजनों को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजा चक्रधर का संगीत जगत में योगदान अविस्मरणीय है और उनका योगदान आज भी प्रेरणा स्रोत बना हुआ है। “संगीत हमारे देश का स्वर्णिम तारा है, जो न केवल दिलों को जोड़ता है बल्कि समाज को भी दिशा देता है,” उन्होंने कहा।

राजा चक्रधर: संगीत के अमर प्रेरणा स्रोत
राजा चक्रधर के योगदान पर बात करते हुए, श्री आठवले ने कहा, “राजा चक्रधर ने न केवल शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा दिया, बल्कि उन्होंने संगीत से जुड़े अद्वितीय ग्रंथों की भी रचना की, जो आज भी संगीत प्रेमियों के लिए प्रेरणा हैं। उनका संगीत के प्रति समर्पण हमारे लिए एक धरोहर है।”

उन्होंने इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार की भी सराहना की, जो आदिवासी, दलित, और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए लगातार काम कर रही है। “हम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो देश के सभी वर्गों को समान अवसर दिलाने की दिशा में मील का पत्थर है,” उन्होंने कहा।

चक्रधर समारोह: एक सांस्कृतिक तीर्थ
समारोह के दौरान श्री आठवले ने राजा चक्रधर के विजन को आगे बढ़ाने के लिए सभी के सामूहिक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने रायगढ़ के राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया, कलेक्टर श्री कार्तिकेय गोयल, और पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल की उपस्थिति और रायगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के प्रयासों की प्रशंसा की।

श्री आठवले ने कहा, “यह एक सांस्कृतिक तीर्थ यात्रा की तरह है। चक्रधर समारोह आज एक विशाल सांस्कृतिक वृक्ष के रूप में पनप चुका है और मुझे गर्व है कि मैं इसका हिस्सा हूं।”

राजा चक्रधर का अमर योगदान
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, जो राजा चक्रधर के पोते हैं, ने कहा, “यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि पहली बार केंद्रीय मंत्री श्री रामदास आठवले चक्रधर समारोह में आए हैं। उनके आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्गों के मुद्दों को संसद में उठाने के साहस और योगदान से मैं बेहद प्रभावित हूँ।”

उन्होंने अपने दादा राजा चक्रधर के बारे में बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति और कला को जीवित रखने के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य और उनके संगीत प्रेम ने उन्हें अमर कर दिया है। “समय के साथ जब भारतीय संस्कृति अपनी पहचान खो रही थी, तब राजा चक्रधर ने अनेक साहित्य और ग्रंथों की रचना कर संस्कृति को पुनर्जीवित किया। चक्रधर समारोह उनके इसी अमूल्य योगदान को सजीव रखने का प्रयास है,” उन्होंने कहा।

सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण
शास्त्रीय संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि हमारे देश की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। चक्रधर समारोह जैसे आयोजन इस धरोहर को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजा चक्रधर और उनके जैसे महान संगीतज्ञों का योगदान हमें यह सिखाता है कि कला और संस्कृति को जीवित रखना हर पीढ़ी की जिम्मेदारी है।

इस समारोह के माध्यम से न केवल शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा दिया जा रहा है, बल्कि भावी पीढ़ियों को भी यह संदेश दिया जा रहा है कि हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत अमूल्य है और इसे सुरक्षित रखना हमारा कर्तव्य है।

- Advertisement -
  • nimble technology
Latest News

बलौदाबाजार अग्निकांड: छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष दिलीप मिरी रायपुर से गिरफ्तार

कोरबा (आदिनिवासी)। बलौदाबाजार अग्निकांड, जिसे छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े प्रशासनिक विवादों में गिना जाता है, में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के...

More Articles Like This