शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024

किसान सभा ने भाजपा के विरोध में ग्रामीण भारत बंद का ऐलान किया

Must Read

किसान सभा की सांगठनिक बैठकें संपन्न: 16 फरवरी को ‘ग्रामीण भारत बंद’ सफल करने और लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने का आह्वान

कोरबा/अंबिकापुर (आदिनिवासी)। संविधान, लोकतंत्र, भाईचारा और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों की रक्षा करने के लिए पूरे प्रदेश में घर-घर व्यापक पैमाने पर अभियान चलाकर 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैलियां आयोजित करने, किसानों को एकजुट करके उनकी रोजी-रोटी के सवालों पर आयोजित ‘ग्रामीण भारत बंद ‘ के आह्वान को सफल करने और आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार को सुनिश्चित करने के आह्वान के साथ छत्तीसगढ़ किसान सभा की कोरबा और सरगुजा क्षेत्र में सांगठनिक बैठकें बांकी मोंगरा और कल्याणपुर में 11 और 12 जनवरी को संपन्न हुई। इन बैठकों में अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी द्वय अवधेश कुमार तथा बादल सरोज और छत्तीसगढ़ किसान सभा के संयोजक संजय पराते भी उपस्थित थे। कोरबा क्षेत्र के बैठक की अध्यक्षता जवाहर सिंह कंवर ने और सरगुजा क्षेत्र के बैठक की अध्यक्षता माधो सिंह ने की।

इन बैठकों में किसान सभा के नेता अवधेश कुमार ने मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त और किसान विरोधी कृषि नीतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला, जिसके कारण हमारे देश में कृषि संकट बढ़ गया है और बड़े पैमाने पर किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इन नीतियों के खिलाफ मजदूर-किसान एकता के आधार पर विकसित हो रहे देशव्यापी प्रतिरोध को भी उन्होंने रेखांकित किया, जिसके कारण मोदी सरकार को अपने किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों को सी-2 लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य नहीं मिलता तथा उन्हें कर्जमुक्त नहीं किया जाता, उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा। लेकिन मोदी राज में किसानों की आय दुगुनी होने के बजाय राम के नाम पर सांप्रदायिक उन्माद को दुगुना किया जा रहा है, जिसके कारण आजादी की लड़ाई में विकसित भाईचारा, लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्य ही खतरे में पड़ गए हैं। इसका मुकाबला आम जनता की व्यापक लामबंदी के आधार पर उनकी रोटी-रोजी के सवालों पर संघर्ष तेज करके ही किया जा सकता है।

बादल सरोज ने किसान कार्यकर्ताओं का ध्यान प्रदेश में जल, जंगल, जमीन और खनिज की हो रही लूट की ओर खींचा तथा हसदेव बचाने के लिए, बस्तर में आदिवासियों पर हो रहे दमन के खिलाफ, सोसाईटियों में धान खरीदी में हो रहे भ्रष्टाचार, मनरेगा में रोजगार, पेसा व वनाधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन आदि मुद्दों पर गांव-गांव में अभियान चलाने और आंदोलन विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा और ट्रेड यूनियन आंदोलन के साथ मिलकर किसान सभा आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन की हार को सुनिश्चित करने के लिए काम करेगी।

इन बैठकों में व्यापक सदस्यता अभियान चलाकर किसान सभा की ग्रामीण इकाईयां गठित करने, तहसील और जिलों के सम्मेलन आयोजित करने के बाद फरवरी अंत में किसान सभा का 5वां राज्य सम्मेलन आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। किसान सभा ने बिना किसी वैकल्पिक योजना के पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा लागू सामाजिक कल्याण योजनाओं पर भाजपा सरकार द्वारा रोक लगाए जाने की निंदा की है और न्याय योजना के तहत बजट में किसानों के लिए स्वीकृत इनपुट सब्सिडी को वितरित करने की मांग की है। किसान सभा ने किसानों का धान 3100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से सोसाईटियों में खरीदने का आदेश जारी किए जाने की भी मांग की है। छत्तीसगढ़ किसान सभा की इन बैठकों में हसदेव क्षेत्र के सभी कोयला ब्लॉकों का आबंटन रद्द करने तथा विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव का पालन करने की भी मांग की गई।

- Advertisement -
  • nimble technology
Latest News

बलौदाबाजार अग्निकांड: छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष दिलीप मिरी रायपुर से गिरफ्तार

कोरबा (आदिनिवासी)। बलौदाबाजार अग्निकांड, जिसे छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े प्रशासनिक विवादों में गिना जाता है, में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के...

More Articles Like This