रायपुर (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने आदिवासी समाज के नाम अपील जारी कर कहा है कि 09 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस पर हमारे अधिकार एवं संयुक्त राष्ट्र की घोषणा पत्र को इस देश में लागू करना होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ में हमारा स्थाई प्रतिनिधि भेजना होगा। देश में हमें मूलनिवासी घोषित कर संयुक्त राष्ट्र संघ को सूचित करना होगा। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 43 अधिकारों की घोषणा की गई है, जिसे देश भर में लागू कर समाज के लोगों को जागरूक करना होगा। पूरे देश में आदिवासियों पर हत्या, रेप, अपहरण, बलात्कार, विस्थापन, पलायन, शोषण जमीन की लूट जैसी घटनाओं पर विराम लगाना होगा आदिवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं स्वरोजगार करने के पर्याप्त अवसर एवं व्यवस्था उपलब्ध कराना होगा।
09 अगस्त का पर्व तभी सफल होगा जब हरेक घर से प्रत्येक आदिवासी समाज के लोग अपने नजदीकी कार्यक्रम स्थल पर संगठित होकर पहुंचेंगे। बहुत सारे शासकीय कर्मचारी अधिकारी ऐसा सोचते हैं कि छुट्टी है, तो चलो आराम करो। इंजॉय करो। बाकी कार्य आम जनता पर छोड़ दो! जैसे आरक्षण में कटौती, स्थानीय भर्ती बंद, पदोन्नति में रुकावट, मेडिकल कॉलेज सीटों में कटौती, वन संरक्षण अधिनियम 23 संसद में पारित होना और तमाम घटनाएं, जो नहीं होना चाहिए लेकिन हो रहा है। इन सब के जिम्मेदार कौन हैं? क्या सांसद, विधायक शासकीय अधिकारी कर्मचारी स्थानीय जनप्रतिनिधि सरपंच पंच से लेकर प्रधानमंत्री जिम्मेदार है?
क्या इस व्यवस्था में सुधार नहीं हो सकता? और, क्यों नहीं हो सकता? यदि हो सकता है तो कब तक होगा? कौन करेगा? कैसे करेगा? यह विचारणीय प्रश्न है। यदि आपको अपने अधिकार प्राप्त नहीं हो रहा है तो हम सभी को आक्रोश रैली के रूप में पारंपरिक वेशभूषा काले कपड़े, काले बैनर, काले शर्ट/साड़ी, काले रुमाल, गमछा, काला चश्मा, काले जूते आदि जो आपके लिए सुविधाजनक हो। तैयारी के साथ कार्यक्रम में आइए और इस देश के बदलते परिवेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराइए। राजनीति में कहावत है जो जागत है वह पावत है। जो सोवत है वह खोवत है।
आपकी जन सुलभ उपस्थित इतिहास को बदलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। भले ही आपको आभास नहीं हो रहा है लेकिन जब आप कार्यक्रम में शामिल होंगे तो आपको जो ऊर्जा मिलेगी उससे आपका आत्म सम्मान और बढ़ेगा। आप सबको सादर निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर राज्य स्तरीय विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष में आयोजित आक्रोश रैली को रायपुर में ऐतिहासिक बनाने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करेंगे।