रायपुर/कोरबा (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ राज्य शासन के द्वारा लागू मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना निर्माण श्रमिकों की बेटियों के लिए अब वरदान साबित हो रहे हैं।
विगत 26 जनवरी को अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि श्रमिक परिवार की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह आदि में सहायता के लिए एक नई योजना की घोषणा की जा रही है।मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के नाम से जाना जाने वाला इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत हितग्राहियों के प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रूपये का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।
योजना का लाभ किसको और कैसे मिलेगा?
जिले के सहायक श्रम आयुक्त राजेश कुमार आदिले ने इस संबंध में बताया कि छत्तीसगढ़ में निवास करने वाले ऐसे श्रमिक जो कि असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं। उनके प्रथम दो अविवाहित पुत्रियों को लाभ मिलेगा। जिनकी आयु 18 वर्ष पूर्ण हो तथा 18 वर्ष 06 माह से अधिक न हो तथा कम से कम 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण हो। ऐसे बेटियों के खाते में 20-20 हजार रूपये की एकमुश्त सहायता राशि शासन के द्वारा जमा कर दी जाएगी।
नियम एवं शर्तें
श्रम आयुक्त श्री आदिले ने आगे कहा कि ऐसे श्रमिक जिन्होंने भवन निर्माण सड़क निर्माण कार्य में शासकीय अथवा निजी क्षेत्रों में कम से कम 90 दिन कार्य किया हो। इस योजना का लाभ लेने के लिए श्रमिक को पंजीयन प्रमाण पत्र, ठेकेदार का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर एवं पुत्रियों के स्कूल के प्रमाण पत्र सहित मूल दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन किसी भी चॉइस सेंटर में 30 रूपये का शुल्क चुका कर किया जा सकता है।
इन श्रमिकों में रेजा, कुली, राजमिस्त्री, पलम्बर, इलेक्ट्रीशियन, पेंटर, करपेंटर, पत्थर काटने वाले, फिटर, वेंडर, मैकेनिक, कुंए खोदने वाले, वेल्डिंग करने वाले, मुख्य मजदूर, स्प्र मैन, लोहार, मिश्रण करने वाले, पंप आपरेटर, रोलर चालक, निर्माण कार्य में चौकीदार या सिक्योरिटी गार्ड, चट्टान तोडने वाले, बांध पुल निर्माण मे लगे मजदूर, ईट भट्ठा निर्माण मे लगे मजदूर शामिल हैं।