गुरूवार, नवम्बर 21, 2024

चीन के शंघाई शहर में बेकाबू हुआ कोरोना, ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते लागू है लॉकडाउन, बिना खाना-पानी घरों में कैद लाखों लोग

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चीन (China) के सबसे बड़े शहरों में से एक शंघाई (Shanghai) कोरोनावायरस (Coronavirus) से बुरी तरह जूझ रहा है. यही वजह है कि सरकार ने यहां पर लॉकडाउन (Shanghai Lockdown) लागू किया हुआ है. ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से लगे सख्त लॉकडाउन के चलते अब शंघाई में लोगों के खाने-पीने का सामान खत्म हो रहा है. शहर के लोगों को घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है. यहां तक कि उन्हें राशन लेने के लिए भी बाहर जाने की मनाही है. गुरुवार को शंघाई में 20,000 नए मामले रिपोर्ट किए गए. अधिकारियों ने इस बात को स्वीकार किया है कि शहर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वे इसे सुधारने में लगे हुए हैं.

यहां गौर करने वाली बात ये है कि चीन के कोविड नियमों के तहत अगर बच्चा कोविड संक्रमित पाया जाता है, तो उसे उसके माता-पिता से अलग कर दिया जाता है. इसे लेकर अभिभावकों के बीच काफी गुस्सा है. वहीं, गुस्सा बढ़ता देख शंघाई के अधिकारियों ने बाद में उन माता-पिता को अपने बच्चों के साथ आइसोलेशन सेंटर में रहने की इजाजत दे दी, जो संक्रमित हैं और उनका बच्चा भी संक्रमित है. हालांकि, समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अभी भी इस बात की शिकायतें मिल रही हैं कि बच्चों को उनके माता-पिता से अलग किया जा रहा है. शहर में बुधवार को बड़े पैमाने पर कोविड टेस्ट अभियान शुरू किया, ताकि संक्रमितों का पता लगाया जा सके.

शंघाई में खाने की कमी क्यों है?

कोरोनावायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) एक महीने पहले शंघाई में सामने आया था. इसके बाद शहर के कई सारे इलाकों को बंद कर दिया गया. जैसे ही वायरस फैलने लगा, अधिकारियों ने पिछले हफ्ते लॉकडाउन लागू कर दिया. इसके तहत शहर को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया और हर हिस्से के लिए अलग-अलग उपाय लागू किए गए. सोमवार को ढाई करोड़ की आबादी वाले पूरे शहर को कवर करने के लिए लॉकडाउन को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया गया. लॉकडाउन के सख्त नियमों का मतलब है कि ज्यादातर लोगों को भोजन और पानी का ऑर्डर देना पड़ता है और सब्जियों, मांस और अंडों के लिए सरकारी ड्रॉप-ऑफ का इंतजार करना पड़ता है.

वहीं, लॉकडाउन के बढ़ने की वजह से डिलीवरी सर्विस पर दबाव अधिक हो गया है. इसके अलावा, ग्रोसरी शॉप वेबसाइट और सरकार की वितरण प्रणाली पर भी दबाव देखने को मिला है. कई डिलीवरी कर्मी भी लॉकडाउन वाले क्षेत्रों में रहते हैं. इससे भी डिलीवरी प्रभावित हुई है. शहर के कुछ इलाकों में स्थानीय लोगों का कहना है कि वे व्यवस्थाओं से पूरी तरह से कट गए हैं. शहर के अधिकारियों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि लोगों को खाने की कमी हो रही है. यही वजह है कि अब कुछ दुकानों को खोलने पर विचार किया जा रहा है.

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