देश में कोरोनावायरस के केस (Coronavirus Cases) लगातार कम हो रहे हैं और कोरोना गाइडलाइंस में भी ढील दी जा रही है. इसी बीच, कोरोना का एक और वेरिएंट (Corona New Variant) सुर्खियों में आ गया है. दरअसल, बुधवार को एक रिपोर्ट आई थी कि मुंबई में कोविड-19 के ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट का पहला केस मिला है, जिसका नाम ओमिक्रॉन XE (Corona Omicron XE Variant) है. हालांकि, भारत सरकार ने इसका खंडन किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि मौजूदा साक्ष्य से यह स्पष्ट नहीं होता है कि सैंपल में इस वेरिएंट की मौजूदगी है.
कोरोना के इस नए वेरिएंट के भारत में आने की भले ही पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर कोरोना का ये नया वेरिएंट कितना खतरनाक है और इससे लोगों को डरने की आवश्यकता है या नहीं. ऐसे में जानते हैं कि अगर इस वेरिएंट की भारत में एंट्री होती है तो यह कितना खतरनाक साबित हो सकता है और ये वेरिएंट अभी तक आए वेरिएंट से कितना अलग है. जानते हैं इस वेरिएंट से जुड़ी हर एक बात…
क्या है मामला?
दरअसल, पहले बताया गया कि मुंबई में ओमिक्रॉन एक्स ई वेरिएंट की पुष्टि हुई है. बताया जा रहा है कि जिस महिला में ओमिक्रॉन XE वेरिएंट होने की बात की गई थी, वो महिला साउथ अफ्रीका से आई थीं. साथ ही इस महिला को किसी भी लक्षण की शिकायत नहीं थी और वो इंफेक्शन से रिकवर्ड हो चुकी थी. महिला में ओमिक्रॉन का नया वेरिएंट पाए जाने की खबर आने के बाद अब सरकार ने इस गलत बता दिया है.
क्या है ओमिक्रॉन XE?
ओमिक्रॉन XE, ओमिक्रॉन के पुराने दो वर्जन BA.1 और BA.2 का म्यूटेंट वर्जन है. फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ये वेरिएंट सबसे पहली बार 19 जनवरी को यूके में पाया गया था और अभी तक इस वेरिएंट के 600 से ज्यादा केस की पुष्टि हो चुकी है. साथ ही बताया जा रहा है कि ये वेरिएंट पहले के सभी वेरिएंट में सबसे ज्यादा ट्रांसमिसिबल है यानी काफी तेजी से फैलता है और अभी तक का सबसे तेज फैलने वाला वेरिएंट है.
इस रिपोर्ट में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल नोट्स में प्रकाशित एक पेपर के आधार पर बताया गया है कि जब किसी एक ही व्यक्ति को एक ही समय में एक से ज्यादा वेरिएंट शिकार बना लेते हैं तो इनके जेनेटिक मेटेरियल के मिक्सअप से नया वेरिएंट बन सकता है. अगर इन हाइब्रिड वेरिएंट की बात करें तो अभी तक तीन वेरिएंट का पता चल चुका है, जिनमें XD, XE, XF शामिल है. इसमें एक्स डी और एक्स एफ दोनों डेल्टा और BA.1 के कॉम्बिनेशन से बने हैं.
कितना खतरनाक है XE वेरिएंट?
अगर नए XE वेरिएंट की बात करें तो एक तो इसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट बताया जा रहा है, ऐसे में इससे फैलने से रोकना काफी मुश्किल हो सकता है. वहीं, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के हिसाब से देखें तो शुरुआत में इसे ज्यादा खतरनाक नहीं माना जा रहा है, लेकिन अभी भी डब्ल्यूएचओ कई सब वेरिएंट्स पर रिसर्च कर रहा है कि ये हेल्थ के लिए कितने खतरनाक साबित हो सकता है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी तक इसके बारे में इतना ही पता चला है कि ये तेजी से फैलता है, लेकिन ये ओमिक्रॉन से ज्यादा खतरनाक होगा, इस बात की कोई पुष्टि नहीं है. ऐसे में लोगों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है