श्रीनगर। राज्यसभा के सदस्य और वरिष्ठ भाजपा नेता डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी भी अपने स्वजन के साथ नवरेह मनाने कश्मीर में आए थे। उन्होंने भी शिला स्वरूप में विराजमान मां शारिक की पूजा कर उनका आशीर्वाद लिया।
सुब्रह्मण्यम ने पूजा में भाग लेने के बाद कहा कि कश्मीर में बंद पड़े सभी मंदिरों के किवाड़ खुलने चाहिए। कुछ लोगों ने यहां कश्मीरी पंडितों का नरसंहार कर उन्हें पूरी तरह समाप्त करने का प्रयास किया है, लेकिन आतंक का वह समय समाप्त हो गया है। जिस तरह आज यहां पूजा हो रही है, उसी तरह गुलाम कश्मीर में शंकराचार्य द्वारा स्थापित मंदिर भी भारत सरकार अपने नियंत्रण में लेगी। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को अपने घर लौटना है, यह उनका हक है। उनके साथ दोबारा वैसा न हो जो 1989-90 के दौरान हुआ, यह सुनिश्चित करना सरकार और स्थानीय मुस्लिम समुदाय का भी कर्तव्य है।
हारि पर्वत पर नवरेह पूजा के बाद शेरे कश्मीर पार्क में नवरेह मिलन में भी खूब उत्साह रहा। बड़ी संख्या में कश्मीरी मुस्लिम, सिख और अन्य समुदाय के लोग इसका हिस्सा बने। देश के विभिन्न हिस्सों से आए कश्मीरी पंडित भी नवरेह मिलन के बहाने अपने पुराने दोस्तों को तलाशते, उनके बारे में पूछते नजर आए।