रायगढ़ (आदिनिवासी)। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में धान की अवैध तस्करी और अंतर्राज्यीय परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने लगातार दूसरे दिन भी सख्त कार्रवाई की है। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीमों ने ओडिशा सीमा से लगे संवेदनशील मार्गों पर कड़ी निगरानी करते हुए किलकिला, हाडीपानी और कोडामाई क्षेत्रों में जंगल के कच्चे रास्तों को पूरी तरह सील कर दिया है।
जेसीबी से खोदे गए गड्ढे, अवैध मार्ग किए अवरुद्ध
बिचौलियों द्वारा उपयोग किए जा रहे वैकल्पिक जंगल-पगडंडी और कच्चे रास्तों को चिन्हांकित कर जेसीबी मशीनों से गहरे गड्ढे खोदकर मजबूत अवरोध तैयार किए गए हैं। इस कार्रवाई से इन मार्गों पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है और धान की तस्करी की संभावना समाप्त हो गई है। एसडीएम लैलूंगा भरत कौशिक ने बताया कि तहसील मुकडेगा के इन क्षेत्रों में ओडिशा से धान के अवैध परिवहन की लगातार सूचनाएं मिल रही थीं, जिसके बाद राजस्व, खाद्य और पुलिस विभाग की टीम ने तत्काल कार्रवाई की।
अंतर्राज्यीय चेक पोस्टों पर 24 घंटे निगरानी
कलेक्टर के निर्देशानुसार सभी अंतर्राज्यीय बैरियरों पर कर्मचारियों की 24 घंटे तैनाती सुनिश्चित की जा रही है। रात्रिकालीन गश्त को और अधिक सघन बनाया गया है तथा संदिग्ध वाहनों की कड़ाई से तलाशी ली जा रही है। एसडीएम ने स्पष्ट किया कि जंगल से होकर गुजरने वाले सभी संवेदनशील रास्तों को अवरुद्ध कर दिया गया है और इन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
कमांड सेंटर से हो रही निगरानी, जनता से सहयोग की अपील
कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में धान के अवैध परिवहन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पारदर्शी और व्यवस्थित खरीद सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन हर संभव कदम उठा रहा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या वाहन की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन, नियंत्रण कक्ष या खाद्य विभाग के टोल-फ्री नंबर 1800-233-3663 पर दें।
कलेक्टर ने बताया कि अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तथा कॉल सेंटर का गठन किया गया है, जो धान की रीसाइक्लिंग पर रोक, बिचौलियों की गतिविधियों की निगरानी और धान के उठाव एवं परिवहन की सतत ट्रैकिंग कर रहा है।
पहले भी सील किए गए सात मार्ग, अभियान जारी
बीती रात भी जिला प्रशासन ने घरघोड़ा एसडीएम के नेतृत्व में एक बड़ी कार्रवाई की थी, जिसमें ओडिशा से धान की अवैध आवक के लिए बनाए गए सात अंदरूनी जंगल मार्गों को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। आज की कार्रवाई इसी अभियान की निरंतरता है, जिसमें अतिरिक्त मार्गों को अवरोधित कर तस्करों के सभी संभावित रास्ते खत्म किए गए हैं।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध परिवहन पर त्वरित और कठोर कार्रवाई जारी रहेगी। जहां भी धान के अवैध परिवहन की आशंका होगी, वहां तत्काल, कड़ी और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।





