बुधवार, अक्टूबर 15, 2025

खदान विस्तार के खिलाफ किसान सभा का गेवरा में छह घंटे तक महाप्रबंधक कार्यालय घेराव: रोजगार और पुनर्वास की उठी मांग

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कोरबा (आदिनिवासी)। एसईसीएल गेवरा क्षेत्र में जबरन खदान विस्तार के विरोध और रोजगार – पुनर्वास की मांग को लेकर बुधवार को छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में सैकड़ों भू-विस्थापितों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय के दोनों मुख्य द्वारों को छह घंटे तक बंद रखकर घेराव किया, जिससे कार्यालय का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया।

घेराव के दौरान भारी संख्या में पुलिस और सीआईएसएफ बल तैनात रहा। प्रदर्शनकारियों को रोकने के दौरान सीआईएसएफ जवानों और ग्रामीणों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। किसान सभा के नेताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक भूविस्थापितों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता, तब तक खदान विस्तार नहीं होने दिया जाएगा।

मुख्य मांगें: रोजगार, पुनर्वास और मुआवजा

किसान सभा ने एसईसीएल प्रबंधन से मांग की कि गेवरा क्षेत्र के सभी प्रभावित गांवों के भूविस्थापित परिवारों को नियमित रोजगार, उचित मुआवजा और पुनर्वास की सुविधा प्रदान की जाए। साथ ही विस्थापित गांवों में पेयजल, सड़क, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं तत्काल उपलब्ध कराई जाएं।

सभा के प्रदेश संयुक्त सचिव प्रशांत झा ने कहा कि:—
“एसईसीएल को प्रत्येक छोटे खातेदार विस्थापित को भी नियमित रोजगार देना होगा। पुराने और नए विस्थापनों के नाम पर मुआवजा में की जा रही कटौती बंद होनी चाहिए। पहले से अधिग्रहित ग्रामों के रोजगार और बसावट के मामले वर्षों से लंबित हैं, जबकि प्रशासन की मिलीभगत से नए विस्तार की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। किसान सभा इसका पुरजोर विरोध करती है।”

उन्होंने आगे कहा कि यदि प्रबंधन जबरन खदान विस्तार का प्रयास करता है, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो खदान पूरी तरह बंद की जाएगी।

जिला नेतृत्व ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी

छत्तीसगढ़ किसान सभा के जिला सचिव दीपक साहू ने कहा कि:—
“प्रत्येक छोटे-बड़े खातेदारों को स्थाई नौकरी दी जानी चाहिए। विस्थापित ग्रामों को पुनर्वास स्थल उपलब्ध कराए जाएं और प्रभावित गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या का तत्काल समाधान किया जाए। अगर प्रबंधन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन का विस्तार कर खदान बंद की जाएगी।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रबंधन और प्रशासन ग्रामीणों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं हैं। कई बार ध्यान आकर्षित कराने के बावजूद न तो रोजगार मामलों में प्रगति हुई है और न ही पुनर्वास की दिशा में कोई ठोस पहल की गई है।

ज्ञापन सौंपकर किसान सभा ने दी चेतावनी
छह घंटे के घेराव के बाद किसान सभा ने एसईसीएल प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा, जिसमें यह स्पष्ट कहा गया कि:—
“जब तक लंबित रोजगार प्रकरणों और छोटे खातेदारों के पुनर्वास की समस्या का समाधान नहीं किया जाता, तब तक नए विस्तार क्षेत्र में किसी भी तरह का खनन कार्य आरंभ नहीं किया जाएगा।”

भू-विस्थापितों की एकजुटता बनी आंदोलन की ताकत
इस घेराव में बड़ी संख्या में भूविस्थापित परिवार शामिल हुए। ज्ञापन सौंपने वालों में जनपद सदस्य नेहा सिंह तंवर, सरपंच विष्णु बिंझवार, दीपक साहू, शिवदयाल, रेशम यादव, जय कौशिक, कैलाश, अमित भारद्वाज, भीमसिंह, राजेंद्र राठौर, संजय साहू, देवलाल चंद्रा सहित अनेक ग्रामीण मौजूद थे।

गेवरा क्षेत्र में खदान विस्तार के खिलाफ किसान सभा का यह आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। विस्थापितों का कहना है कि वे अपने जल–जंगल–जमीन और जीवन के अधिकार की लड़ाई को आखिरी दम तक जारी रखेंगे। वहीं, एसईसीएल प्रबंधन पर यह दबाव बढ़ गया है कि वह आंदोलनकारियों की मांगों पर शीघ्र और सकारात्मक पहल करे, अन्यथा क्षेत्र में कोयला उत्पादन प्रभावित हो सकता है।

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