कोरबा (आदिनिवासी) | बरसात के मौसम में तेजी से फैलने वाली बुखार, उल्टी-दस्त और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों की रोकथाम को लेकर कलेक्टर अजीत वसंत ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि किसी भी शिकायत पर तुरंत गांव-गांव पहुंचकर मरीजों का उपचार किया जाए और जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर इलाज सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि उपचार में लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन. केशरी ने जिले के सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को अलर्ट कर दिया है। इसके तहत:
सभी स्वास्थ्य केंद्रों और गांवों में जीवनरक्षक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों और डिपो होल्डर्स को औषधियों की सतत आपूर्ति दी जा रही है।
किसी भी क्षेत्र में बीमारी की सूचना मिलते ही तुरंत कम्बैट टीम भेजी जाएगी।
डॉ. केशरी ने जिले की जनता से अपील की है कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए कुछ बुनियादी नियमों का पालन करें:
स्वच्छता और व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।
भोजन करने से पहले और शौच के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
खाने-पीने की वस्तुओं और पानी को हमेशा ढककर रखें।
बासी भोजन और सड़े-गले फलों का सेवन न करें, केवल ताजे फल और भोजन ही खाएं।
पीने के लिए हैंडपंप का पानी, उबला हुआ पानी या क्लोरीनयुक्त पानी का ही उपयोग करें।
घर के आसपास गंदा पानी जमा न होने दें, कूलर, टायर या टूटे बर्तनों में पानी न भरने दें।
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी और मच्छरनाशक क्रीम/तेल का प्रयोग करें।
बुखार, दस्त या उल्टी होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, मितानिन या स्वास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें।
दस्त की स्थिति में ओआरएस घोल, नारियल पानी, नींबू पानी, चावल का मांड, हल्की चाय और दाल का पानी लगातार पीते रहें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
उल्टी-दस्त से किसी की मृत्यु होने पर संबंधित घर का ब्लीचिंग पाउडर से शुद्धिकरण किया जाएगा और अन्य परिजनों को दवाइयां दी जाएंगी।
गांवों में होने वाले आयोजनों में केवल ताजा भोजन और स्वच्छ पानी का ही उपयोग करें।
कलेक्टर अजीत वसंत और डॉ. एस.एन. केशरी ने कहा कि इन निर्देशों का पालन करने से महामारी जैसी बीमारियों को रोका जा सकता है और असमय होने वाली मौतों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
उन्होंने जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों से आग्रह किया कि मौसमी बीमारियों के खिलाफ जागरूकता फैलाएं और सहयोग दें, ताकि जिले को इन बीमारियों से सुरक्षित और मुक्त बनाया जा सके।