कोरबा (पब्लिक फोरम)। गेवरा-पेंड्रा रेल लाइन विस्तार परियोजना के चलते मड़वाढोढा और पुरैना गांव को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग बदहाल हो गया है। सड़क की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि बारिश के मौसम में यह पूरी तरह बंद हो सकती है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर माकपा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन करते हुए रेल विस्तार के काम को रोक दिया। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था, लेकिन ग्रामीणों का रुख साफ था—जब तक सड़क की मरम्मत नहीं होगी, तब तक रेल परियोजना का काम नहीं शुरू होने देंगे।
क्या है ग्रामीणों की समस्या?
ग्रामीणों का कहना है कि गेवरा-पेंड्रा रेल विस्तार के तहत मड़वाढोढा और पुरैना गांव को जोड़ने वाले मार्ग पर पुल का निर्माण किया गया है। इस पुल के चलते सड़क पर पानी भराव की समस्या बढ़ गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बारिश में यह मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो जाएगा, जिससे उन्हें दैनिक आवाजाही में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।
माकपा ने उठाई ग्रामीणों की आवाज
माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा, “रेल विस्तार का कार्य तेजी से हो रहा है, लेकिन आम जनता की परेशानियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। पुल के निर्माण से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है, और बारिश में यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाएगा। कई बार प्रशासन को सड़क सुधारने की बात कही गई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
किसान सभा का समर्थन
छत्तीसगढ़ किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर ने भी ग्रामीणों के आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “रेल परियोजना से हुए नुकसान की भरपाई जरूरी है। मड़वाढोढा और पुरैना गांव को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग की मरम्मत तुरंत कराई जानी चाहिए। यदि रास्ता सुधारने का काम नहीं होता है, तो रेल विस्तार के कार्य को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा।”
ग्रामीणों ने अपनी समस्या पर प्रशासन और परियोजना प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट करते हुए चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक परियोजना का कार्य बाधित रहेगा।
क्या हो सकते हैं समाधान?
इस विवाद का समाधान तभी संभव है जब प्रशासन ग्रामीणों की मांगों पर गंभीरता से विचार करे।
1. सड़क मरम्मत और जलभराव की समस्या का समाधान: प्रशासन को प्राथमिकता के आधार पर सड़क की मरम्मत करनी होगी ताकि बरसात के मौसम में आवागमन बाधित न हो।
2. स्थानीय जनता की भागीदारी: परियोजना प्रबंधन को ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याओं का हल निकालना चाहिए।
3. स्थायी व्यवस्था: पुल निर्माण के दौरान जल निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं न हों। मड़वाढोढा और पुरैना गांव के ग्रामीणों की मांगें न केवल जायज हैं, बल्कि यह उनके बुनियादी अधिकारों का सवाल भी है। किसी भी विकास परियोजना में स्थानीय जनता की जरूरतों और समस्याओं का ध्यान रखना प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी होती है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा या ग्रामीणों का यह आंदोलन लंबा खिंचेगा।
मड़वाढोढा और पुरैना गांव के ग्रामीणों की मांगें न केवल जायज हैं, बल्कि यह उनके बुनियादी अधिकारों का सवाल भी है। किसी भी विकास परियोजना में स्थानीय जनता की जरूरतों और समस्याओं का ध्यान रखना प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी होती है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगा या ग्रामीणों का यह आंदोलन लंबा खिंचेगा।